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चरस तस्करी के मामले में दो अभियुक्त दोषी करार, सजा का ऐलान आज

प्रथम अपर जिला न्यायाधीश व विशेष न्यायाधीश एनडीपीएस राकेश कुमार सिंह की कोर्ट ने दो किलो से अधिक चरस के साथ पकड़े गए दो आरोपितों को तस्करी का दोषी करार दिया है। कोर्ट के दोषी करार देने के बाद दोनों को हिरासत में लेकर जेल भेज दिया गया।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Tue, 28 Sep 2021 10:53 AM (IST)Updated: Tue, 28 Sep 2021 10:53 AM (IST)
चरस तस्करी के मामले में दो अभियुक्त दोषी करार, सजा का ऐलान आज
चरस तस्करी के मामले में दो अभियुक्त दोषी करार, सजा का ऐलान आज

नैनीताल, जागरण संवाददाता : प्रथम अपर जिला न्यायाधीश व विशेष न्यायाधीश एनडीपीएस राकेश कुमार सिंह की कोर्ट ने दो किलो से अधिक चरस के साथ पकड़े गए दो आरोपितों को तस्करी का दोषी करार दिया है। कोर्ट के दोषी करार देने के बाद दोनों को हिरासत में लेकर जेल भेज दिया गया। दोनों अभियुक्तों को अदालत आज सजा सुनाएगी।

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अभियोजन के अनुसार 14 नवंबर 2014 को एसआई देवेंद्र बिष्ट, एसएसआई नन्दाबल्लभ, सिपाही सुरेन्द्र सामन्त व पूरन नाथ सरकारी वाहन में गश्त पर थे। तिकोनिया चौराहे पर बरसाती नहर वाले रोड पर पहुंचे तो मुखबिर ने बताया कि दो व्यक्ति गोलचा कम्पाउण्ड रेलवे फाटक हल्द्वानी के पास बाइक पर चरस बेचने के फिराक में खड़े हैं। पुलिस टीम रेलवे फाटक के पास पहुंची तो गोलचा कम्पाउण्ड से करीब 120 कदम पहले मुखबिर ने इशारा करके बताया कि बाइक पर बैठे व्यक्तियों के पास चरस है।

पुलिस टीम ने घेराबन्दी करते हुए मौके पर दोनों को दबोच लिया। नाम पता व बैठने का कारण पूछा तो दोनों घबरा गये व सकपकाते हुए एक ने अपना नाम मोहन सिंह बसेड़ा पुत्र त्रिलोक सिंह, निवासी किलपारा पट्टी क्षेत्र तहसील कपकोट, जिला बागेश्वर, हाल पता शान्तिनगर बिन्दुखत्ता, जबकि दूसरे ने अपना नाम विरेन्द्र दानू पुत्र स्व दान सिंह निवासी हिमनी थाना थराली, जिला चमोली, हाल ग्राम खैरानी बिन्दुखत्ता बताया। उनके पास से चरस बरामद हुई।

एनडीपीएस एक्ट के अनुसार क्षेत्राधिकारी मौके पर पहुंचे और दोनों व्यक्तियों की तलाशी ली गयी। मोहन के पास 1125 ग्राम जबकि वीरेंद्र के पास 1034 ग्राम चरस बरामद की गई। एनडीपीएस के तहत मुकदमा दर्ज करते हुए बाइक भी सीज कर ली। डीजीसी फौजदारी सुशील कुमार शर्मा द्वारा आरोप साबित करने को आधा दर्जन गवाह पेश किए। गवाहों के बयान, फॉरेंसिक लैब की जांच रिपोर्ट के आधार पर पाया कि अभियुक्तों से बरामद चरस वाणिज्यिक मात्रा में थी, जिसे रखने का उनको अधिकार नहीं था।कोर्ट ने दोनों अभियुक्तों को एनडीपीएस एक्ट के तहत दोषी करार दिया है।


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