डीपी-फोनियां समेत 12 के खिलाफ दायर आरोप पत्र स्वीकार
जागरण संवाददाता, नैनीताल : जिला जज एवं विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण कुमकुम रानी की कोर्ट ने एनए
जागरण संवाददाता, नैनीताल : जिला जज एवं विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण कुमकुम रानी की कोर्ट ने एनएच मुआवजा घोटाले में आरोपी ऊधमसिंह नगर जिले के पूर्व भूमि अध्याप्ति अधिकारी दिनेश प्रताप सिंह, एसडीएम भगत सिंह फोनियां समेत 12 आरोपियों के खिलाफ एसआइटी की ओर से दाखिल चार्जशीट स्वीकार कर ली है। जिसके बाद कोर्ट ने सभी आरोपियों को धारा-309 के अंतर्गत 28 फरवरी तक नैनीताल जेल भेज दिया।
शुक्रवार सुबह दस बजे कड़ी सुरक्षा के बीच घोटाले के मुख्य आरोपी पूर्व एसएलओ डीपी सिंह, निलंबित एसडीएम भगत सिंह फोनियां, किसान चरण सिंह, ओम प्रकाश, पूर्व पेशकार विकास चौहान, संजय, निलंबित संग्रह अमीन अनिल कुमार, तत्कालीन प्रभारी तहसीलदार मदन मोहन पलडि़या, रिटायर्ड प्रभारी तहसीलदार भोलेलाल, डाटा एंट्री ऑपरेटर अर्पण कुमार, अनुसेवक रामसनुज, स्टांप विक्रेता जीशान को नैनीताल कोर्ट परिसर लाया गया। दोपहर बाद इन्हें विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण की कोर्ट में पेश किया गया। इस दौरान आरोपियों के अधिवक्ताओं ने एसआइटी द्वारा लगाए आरोपों को गलत करार दिया और साजिशन फंसाने का आरोप लगाया तो अभियोजन की ओर से डीजीसी फौजदारी सुशील कुमार शर्मा द्वारा बताया गया कि एसआइटी की जांच में 211 करोड़ 85 लाख का घोटाला सामने जा चुका है। दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद कोर्ट ने सभी 12 आरोपियों को नैनीताल जेल भेज दिया गया। साथ ही अन्य आरोपी एसडीएम अनिल शुक्ला व तहसीलदार मोहन सिंह की जमानत अर्जी खारिज कर दी।
एसआइटी की अग्नि परीक्षा अब
एनएच मुआवजा घोटाले में 12 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दायर कर एसआइटी भले ही खुश हो मगर उसकी असल अग्नि परीक्षा अब शुरू होने वाली है। अब 28 फरवरी को अभियोजन की ओर से इन आरोपियों के अधिवक्ता को चार्जशीट की नकल दी जाएगी। जिसके बाद बचाव पक्ष चार्जशीट में दर्ज बयान समेत दस्तावेजों के आधार पर जमानत के लिए आधार तलाशेगा। पांच हजार से अधिक पेजों की चार्जशीट में एसआइटी ने सिलसिलेवार आरोपों का उल्लेख करने के साथ ही सबूत का भी जिक्र किया है।