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Resignation of Tirath Singh Rawat : नए निर्णयों से ज्यादा तीरथ ने पलटे त्रिवेंद्र के फैसले, 100 दिन के कार्यकाल की बुकलेट में तीरथ की 46 तस्वीरें

Resignation of Tirath Singh Rawat इस 100 दिनों के कार्यकाल में उनकी सबसे बड़ी और महत्वपूर्ण योजनाओं में वात्सल्य योजना ही नजर आई। जिसमें उन्होंने कोविड काल के दौरान माता-पिता व संरक्षक की मृत्यु के बाद उनके बच्चे को तीन हजार रुपये प्रतिमाह दिए जाने का निर्णय शामिल है।

By Prashant MishraEdited By: Published: Sat, 03 Jul 2021 07:14 AM (IST)Updated: Sat, 03 Jul 2021 07:14 AM (IST)
Resignation of Tirath Singh Rawat : नए निर्णयों से ज्यादा तीरथ ने पलटे त्रिवेंद्र के फैसले, 100 दिन के कार्यकाल की बुकलेट में तीरथ की 46 तस्वीरें
त्रिवेंद्र सिंह रावत के विवादित निर्णयों में जिला विकास प्राधिकरण, गैरसैंण कमिश्नरी बनाने समेत कुछ निर्णयों को स्थगित कर दिया।

गणेश जोशी, हल्द्वानी : Resignation of Tirath Singh Rawat : सीएम रहते हुए तीरथ सिंह रावत ने 100 दिन का कार्यकाल पूरा करने पर बुकलेट लांच की थी, जिसमें उन्होंने अपनी 46 तस्वीरें दी हैं। वहीं इस दौरान की उनकी सबसे महत्वपूर्ण वात्सल्य योजना ही नजर आई। हालांकि उन्होंने पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत के लिए गए निर्णयों को स्थगित करने को भी बड़ी उपलब्धि बताया है।

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त्रिवेंद्र सिंह रावत के 10 मार्च को इस्तीफे के बाद इसी दिन सांसद रहते हुए तीरथ सिंह रावत ने सीएम पद की शपथ ली थी। 17 जून को 100 दिन पूरे हो गए थे। इस दिन उन्होंने अपने 100 दिन के कार्यकाल पूरा होने पर शानदार बुकलेट लांच की थी। जिसमें उनकी चमचमाती हुई 46 तस्वीरें हैं। इस दौरान वह अधिकांश पुरानी योजनाओं पर ही काम करते रहे। उनके पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत के विवादित हो चुके निर्णयों में जिला विकास प्राधिकरण, गैरसैंण कमिश्नरी बनाने समेत कुछ निर्णयों को स्थगित कर दिया। बुकलेट में उन्होंने इस तरह के निर्णय लिए जाने को लेकर भी वाहवाही बटोरी है।

इस 100 दिनों के कार्यकाल में उनकी सबसे बड़ी और महत्वपूर्ण योजनाओं में वात्सल्य योजना ही नजर आई। जिसमें उन्होंने कोविड काल के दौरान माता-पिता व संरक्षक की मृत्यु के बाद उनके बच्चे को तीन हजार रुपये प्रतिमाह दिए जाने का निर्णय शामिल है। ऐसे बच्चों को सरकारी सेवाओं में पांच फीसद आरक्षण दिए जाने का भी आदेश है। बाकी कोविड काल में हल्द्वानी व ऋषिकेश में डीआरडीओ की पहल पर 100-100 बेड के दो अस्पताल बनाए जाने का भी फैसला था। हालांकि, समय रहते इन अस्पतालों का लाभ नहीं मिल पाया था। इसके अलावा उन्होंने तमाम छोटी-छोटी महत्वपूर्ण योजनाओं को पूरा करने का सपना दिखाया था, उनके यह सपना सीएम पद के हटने के बाद अधूरे रही रह गए हैं। कुछ लोग भाजपा के इस कदम से हतप्रभ हैं वहीं कुछ इसे राजनैतिक कदम मान रहे हैं। जिसमें चुनावी दांवपेच छिपे होने की बात कर रहे हैं।


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