नए सॉफ्टवेयर के फेर में उलझा कोषागार, कई विभागों का वेतन अटका
नए सॉफ्टवेयर की लांचिंग होने के चलते कई सरकारी विभागों की तनख्वाह अटकी हुई है। कारण यह है कि विभाग अभी पूरी तरह से इस सॉफ्टवेयर को अपना नहीं पाए हैं।
हल्द्वानी, जेएनएन : नए सॉफ्टवेयर की लांचिंग होने के चलते कई सरकारी विभागों की तनख्वाह अटकी हुई है। कारण यह है कि विभाग अभी पूरी तरह से इस सॉफ्टवेयर को अपना नहीं पाए हैं। मसलन तकनीकी दिक्कतों के चलते भी कई अन्य काम भी लटके हैं। इस कारण लोग कई बार तहसील के चक्कर लगा रहे हैं। विभागों ने अपनी शिकायत सहायक कोषाधिकारी से की। वहीं फोन पर भी दिक्कतों से रूबरू कराया।
यह है सॉफ्टवेयर
तहसील में कोषागार विभाग का नया सॉफ्टवेयर है इंटीग्रेटेड फाइनेंशियल मैनेजमेंट सिस्टम यानी एकीकृत भुगतान प्रणाली। इस सॉफ्टवेयर के जरिये कोषागार खाते की कमियों को दूर करना, प्रमोशन पाने वाले की सेलरी बढऩा या फिर अन्य संशोधन कर तहसील में ऑनलाइन भेजने की प्रक्रिया होती है।
कई विभाग नहीं समझे तरीका
कई विभाग अब तक इस सॉफ्टवेयर का तरीका नहीं समझ पा रहे हैं। इस वजह से खातों में धन नहीं पहुंच पा रहा। हालांकि पैसा रिलीज हो चुका है, लेकिन सॉफ्टवेयर की समझ न होने के चलते दिक्कत हो रही है।
हल्द्वानी के अधिकारी-कर्मचारी परेशान
इस सॉफ्टवेयर की समझ अब तक तहसील में बने मुख्य कोषागार को भी नहीं है। हल्द्वानी के करीब चार हजार अधिकारी-कर्मचारी अपनी तनख्वाह के लिए परेशान बैठे हैं। सॉफ्टवेयर की जानकारी न होने के चलते दिक्कतें आ रही हैं।
132 विभागों के सामने मुश्किल
हल्द्वानी के अंदर कोषागार से लगभग 132 विभाग जुड़े हुए हैं, मगर यहां लगे सिस्टम से अब तक रूबरू नहीं कराए जा सके हैं। इधर, कर्मचारियों का कहना है कि जब तक सॉफ्टवेयर की जानकारी नहीं होगी, तब तक काम करना मुश्किल हैं। विभागों से सॉफ्टवेयर के जरिये डाटा भेजने के बाद तीन स्तर से पैसा स्वीकृत होता है। डीपी वर्मा, सहायक कोषाधिकारी ने बताया कि सॉफ्टवेयर अभी नया है। इसके चलते अब तक इसकी जानकारी विभागों को नहीं हो सकी है, लेकिन धीरे-धीरे प्रक्रिया समझ में आ जाएगी। पैसा स्वीकृत हो चुका है। बस खातों में डालना बाकी है।
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