शताब्दी में लगेंगी ट्रांसपेरेंट रूफ वाली कोच, रोमांचक होगा मैदान से लेकर पहाड़ का सफर
shatabdi express दिल्ली से काठगोदाम व देहरादून का रेलवे से सफर अब और रोमांचक होगा। ट्रेन के यात्री अब कोच के अंदर बैठकर खूबसूरत सफर का आनंद उठा सकेंगे। इसके लिए रेलवे ने खास योजना बनाई है।
हल्द्वानी, जेएनएन : दिल्ली से काठगोदाम व देहरादून का रेलवे से सफर अब और रोमांचक होगा। ट्रेन के यात्री अब कोच के अंदर बैठकर खूबसूरत सफर का आनंद उठा सकेंगे। इसके लिए रेलवे ने खास योजना बनाई है। दरअसल रेलवे अब कोठगोदाम व देहरादून से दिल्ली के लिए संचालित होने वाली शताब्दी एक्सप्रेस में विस्टाडोम कोच (शीशे से बनी हुई छत और खिड़की वाले कोच) लगाने जा रहा है। कोच की न सिर्फ खिड़कियां बल्कि छत भी ट्रांसपैरेंट होगी। ऐसे में यात्री जहां मौदानों के सफर का आनंद उठा सकेंगे वहीं उत्तराखंड में पवेश करते ही पहाड़ की खूबसूरती का भी दीदार कर सकेंगे।
कोरोना संक्रमण के कारण हर सेक्टर प्रभावित हुआ है। रेलवे पर भी इसका खासा प्रभाव पड़ा है। महीनों तक ट्रेनों का संचालन बंद रहन के कारण रेलवे की आर्थिक स्थिति खराब हो गई है। कई ट्रेनों का संचालन तो अब तक नहीं शुरू हो सका है। हालांकि इस दाैरान रेलवे को अपनी सुविधाओं को सुधारने का मौका मिल गया है। रेलवे ने यात्रियों को सुविधा उपलब्ध कराकर अधिक आय अर्जित करने की योजना तैयार की है। इसके तहत हमसफर एक्सप्रेस के कोच से क्लोन ट्रेन चलाई जा रही है। इसका किराया अधिक है। अब नई दिल्ली से देहरादून जाने वाली शताब्दी एक्सप्रेस में विस्टाडोम कोच (शीशे से बनी हुई छत और खिड़की वाले कोच) लगाए जाएंगे। इस कोच की छत व खिड़की शीशे की बनी होती है। कोच के अंदर बैठे यात्री बाहर के दृश्य को आसानी से देख सकते हैं। इस तरह के कोच शिमला-कालका के बीच चलने वाली स्पेशल ट्रेन में लगाई गई है।
पहाड़ों व जंगलों के बीच राेमांचक होगा सफर
नई दिल्ली से काठगोदाम जाने वाली शताब्दी एक्सप्रेस पहाड़ों और जंगलों के बीच से गुजरती है। एेसे में इसका सफर सामान्य ट्रेनों की अपेक्षा अधिक रोमांचक होगा। इस कोच में बैठने वाले यात्री ऊंचे-ऊंचे पहाड़ और जंगली जानवर देख पाएंगे। इसी तरह से नई दिल्ली से देहरादून जाने वाली शताब्दी एक्सप्रेस भी लक्सर के बाद पहाड़ों के बीच से गुजरती है। हरिद्वार से देहरादून तक ट्रेन राजाजी नेशनल पार्क से होकर गुजरती है।
कोच में 20 यात्री के बैठने की व्यवस्था
ट्रांसपैरेंट कोच के अंदर बैठे यात्री राजा जी नेशनल पार्क में विचरण करने वाले हाथी व अन्य जानवरों को आसानी से देख सकते हैं। इस कोच में 20 यात्री के बैठने की व्यवस्था होती है। इसलिए इसका किराया भी अधिक लिया जाता है। नई दिल्ली से काठगोदाम व देहरादून जाने वाली शताब्दी एक्सप्रेस में एक-एक विस्टाडोम कोच लगाया जाएगा। मांग बढ़ने पर कोच की संख्या बढ़ाई जा सकती है।