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कोरोना इफेक्‍ट: अखंड रामायण से होगा रामलीला मंचन की परंपरा का निर्वहन, इसल‍िए कम है उत्‍साह

कुमाऊं में रामलीला मंचन की परंपरा काफी समृद्ध रही है। रामलीला महज धार्मिक आयोजन न होकर सामाजिक चेतना का माध्यम है। रंगमंच की दुनिया में कदम रखने वाले अधिकांश कलाकारों के लिए रामलीला अभिनय का पहला मंच होती है। रामलीला मंचन पर इस बार कोरोना का साया है।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Sat, 10 Oct 2020 11:01 AM (IST)Updated: Sat, 10 Oct 2020 11:01 AM (IST)
कोरोना इफेक्‍ट: अखंड रामायण से होगा रामलीला मंचन की परंपरा का निर्वहन, इसल‍िए कम है उत्‍साह
रामलीला मंचन पर इस बार कोरोना का साया है।

हल्द्वानी, गणेश पांडे: कुमाऊं में रामलीला मंचन की परंपरा काफी समृद्ध रही है। रामलीला महज धार्मिक आयोजन न होकर सामाजिक चेतना का माध्यम है। रंगमंच की दुनिया में कदम रखने वाले अधिकांश कलाकारों के लिए रामलीला अभिनय का पहला मंच होती है। रामलीला मंचन पर इस बार कोरोना का साया है। नवरात्र से रामलीला मंचन की शुरुआत होती है। आठ दिन शेष हैं, लेकिन इस बार उत्साह गायब है। अधिकांश कमेटियों ने रामलीला मंचन को अगले साल के लिए टाल दिया है। सुंदरकांड व अखंड रामायण से परंपरा का निर्वहन किया जाएगा। कुछ कमेटियों की को अभी भी प्रशासन की गाइडलाइन का इंतजार है। गौलापार कुंवरपुर कमेटी ने सीमित संख्या में रामलीला कराने की मंशा के साथ तालीम शुरू कर दी है। 

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100 से अधिक आयोजन मंडल के लोग हो जाते हैं। 200 लोगों में आयोजन संभव नहीं है। प्रशासन 400 लोगों के साथ आयोजन की अनुमति देना है तो हम एक सप्ताह में तैयारी कर सकते हैं। -विशंबर दत्त कांडपाल, अध्यक्ष रामलीला कमेटी पीलीकोठी 

हमारे यहां श्राद्ध पक्ष से पहले रामलीला हो जाती है। इस बार रामलीला नहीं हुई। महाराज जी के सान्निध्य में सुंदरकांड का पाठ किया गया। अब अगले साल ही रामलीला का मंचन किया जाएगा। -नित्यानंद जोशी, महामंत्री रामलीला कमेटी नीलियम कालोनी

इस बार रामलीला का मंचन संभव नहीं है। रविवार को अध्यक्ष सुभाष जोशी की अध्यक्षा में कमेटी की बैठक हुई। इस बार नवरात्र में अखंड रामायण करने का फैसला लिया गया। -भोला भगत, संरक्षक रामलीला कमेटी ऊंचापुल 

कोरोना को देखते हुए लोगों में रुचि कम है। कलाकारों के उत्साह के लिए दर्शक जरूरी है। कम लोगों में रामलीला का मंचन संभव नहीं है। जल्द ही बैठक कर अंतिम फैसला लिया जाएगा। -योगेश रजवार, अध्यक्ष रामलीला कमेटी रानीबाग 

ग्रामीण क्षेत्रों में कम दर्शक आते हैं। सैनिटाइजेशन व शारीरिक दूरी का पालन करते हुए 200 लोगों में रामलीला कराई जा सकती है। हम लोग तालीम में जुटे हुए हैं। -भगत फत्र्याल, निदेशक श्रीराम आदर्श रामलीला कमेटी कुंवरपुर

दर्शक 200 से कम ही रहते हैं। शारीरिक दूरी का पालन करते हुए अच्छी रामलीला कराई जा सकती है। कलाकार तैयार हैं। जल्द ही प्रशासन से वार्ता कर अंतिम निर्णय लिया जाएगा। -गोपाल भट्ट, महामंत्री पंचेश्वर मंदिर कमेटी आवास विकास 

डेढ़ माह पहले तालीम शुरू हो जाती है। सीमित संख्या के बीच इतनी जल्दी रामलीला कराना संभव नहीं है। इस बार विजयदशमी के दिन अखंड रामायण का पाठ किया जाएगा। -हरीश पांडे, अध्यक्ष रामलीला कमेटी शीशमहल 

रामलीला मंचन सामाजिक आयोजन है। जिसमें स्वस्फूर्त लोगों की भागीदारी होती है। हम किसी को आने से रोक नहीं सकते। ऐसे में इस बार केवल सुंदरकांड व भजन संध्या होगी। -कुंदन सिंह बिष्ट, अध्यक्ष रामलीला कमेटी काठगोदाम


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