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कार्बेट में हाथी सफारी का लुत्‍फ नहीं उठा सकेंगे पर्यटक, 15 नवंबर से खुलने जा रहा नेशनल पार्क

कार्बेट पार्क के ढ‍िकाला जोन को पर्यटकों के लि‍ए 15 नवंबर से खोला जाना है मगर यहां आने वाले पर्यटक इस बार भी हाथी सफारी व मचान का लुत्फ नहीं उठा सकेंगे। उन्हें केवल जिप्सी सफारी ही करनी होगी।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Sat, 31 Oct 2020 08:40 AM (IST)Updated: Sat, 31 Oct 2020 08:40 AM (IST)
कार्बेट में हाथी सफारी का लुत्‍फ नहीं उठा सकेंगे पर्यटक, 15 नवंबर से खुलने जा रहा नेशनल पार्क
व‍िश्‍व प्रसिद्ध कार्बेट पार्क। - फाइल फोटो ।

रामनगर, त्रि‍लोक रावत : व‍िश्‍व प्रसिद्ध कार्बेट पार्क के ढ‍िकाला जोन को पर्यटकों के लि‍ए 15 नवंबर से खोला जाना है, मगर यहां आने वाले पर्यटक इस बार भी हाथी सफारी व मचान का लुत्फ नहीं उठा सकेंगे। उन्हें केवल जिप्सी सफारी ही करनी होगी। कार्बेट पार्क आने वाले पर्यटक पहले जिप्सी सफारी करने के अलावा हाथी सफारी करते थे। ढिकाला जोन में यह सुविधा पर्यटकों के लिए थी। ढिकाला आने वाला हर पर्यटक हाथी सफारी करता था। वर्ष 2018 में एक टस्कर जंगली हाथी ने कार्बेट की हथिनी पर हमला कर दिया था। बमुश्किल हथिनी को बचाया था। उसके बाद से कार्बेट प्रशासन ने हाथी सफारी को बंद करने का फैसला लिया था। 

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मचान से ग‍िर गया था पर्यटक

इस निर्णय के दो माह बाद दिल्ली का एक पर्यटक ढिकाला में बनाए गए मचान से गिर गया था। तब से सारे मचान कार्बेट ने पर्यटकों के लिए बन्द कर दिए। कार्बेट ने यह मचान पर्यटकों के लिए ऊंचे से जंगली जानवर देखने के लिए बनाए थे। पर्यटन कारोबारी कई बार हाथी सफारी व मचान पर्यटकों के लिए खोलने की मांग कर चुके हैं, लेकिन विभाग ने अभी इस पर कोई फैसला नहीं लिया है। कार्बेट के एसडीओ आरके तिवारी ने बताया कि अभी हाथी सफारी व मचान खोलने पर कोई बात नहीं हुई है। पर्यटकों की सुरक्षा की दृष्टि से दोनों चीज बन्द की गई है।

विभाग को राजस्व का नुकसान

हाथी सफारी बंद होने से पर्यटकों को मायूसी ही नहींं हो रही बल्‍क‍ि कार्बेट प्रशासन को  राजस्व का भी नुकसान हो रहा है। हाथी सफारी के लिए विभाग अलग से सौ रुपया प्रति पर्यटक शुल्क जमा कराता था। हालांकि विभाग के लिए पर्यटकों की सुरक्षा जरूरी है।

पिछले तीन साल की कमाई 

वर्ष               पर्यटक          राजस्व 

2019-20      2.83 लाख     8.65 करोड़ 

2018-19      2.84 लाख     8.75 करोड़ 

2017-18      2.91 लाख     9.68 कराेड़


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