चांदी की चादर में लिपटा हिमालय, नैनीताल से पिथौरागढ़ तक पयर्टकों के लिए जन्नत सा माहौल, तस्वीरों में देखिए मनमोहक नजारा
पर्यटकों को हिमालय दर्शन सबसे रोमांचक क्षण होता है। सफेद हिम शिखर पर्यटकों को बहुत आकर्षित करते हैं। ऐसे में जब वह देवभूमि की यात्रा पर हों और बर्फबारी हो तो वह मनोकामना की पूर्ति जैसा हो जाता है।
टीम जागरण, हल्द्वानी : उत्तराखंड में पर्यटकों को हिमालय दर्शन सबसे रोमांचक क्षण होता है। सफेद हिम शिखर पर्यटकों को बहुत आकर्षित करते हैं। ऐसे में जब वह देवभूमि की यात्रा पर हों और बर्फबारी हो तो वह मनोकामना की पूर्ति जैसा हो जाता है। इन दिनों नैनीताल से सीमांत के पिथौरागढ़ तक हिमालय मानों चांदी की सफेद चादर में लिपटा हो। पर्यटक बर्फ में जहां तहां मस्त होकर अठखेलियां कर रहे हैं।
(पिथौरागढ़ में करीब दो फीट तक बर्फ की चादर बिछी है। वाहन का चलना मुश्किल है। लोग पैदल जाकर बर्फबारी का लुत्फ उठा रहे)
कुमाऊं में रात से ही बारिश और हिमपात का क्रम बना हुआ है। नैनीताल शहर के ऊंचाई वाले हिमालय व्यू, चायनापीक और किलबरी क्षेत्र में सुबह बर्फबारी के बाद शीतलहर चल रही है।
(रात में रास्ता दिखाती लालटेन के ऊपर जमी बर्फ, किसी फिल्म की सीन जैसे लग रही)
बागेश्वर जिले में कपकोट, ग्वालदम व पिनाथ की पहाडिय़ों समेत आसपास के गांवों में लगातार हिमपात हो रहा है। पिथौरागढ़ में मुनस्यारी में रात से ही हिमपात जारी है। इससे थल-मुनस्यारी, दारमा, सोबला-तिदांग और कैलास मानसरोवर यात्रा मार्ग बंद हो गए हैं।
(बर्फबारी को देखकर पर्यटक खुशी के मारे झूम उठे अौर बर्फ को छूकर उसे अहसास करने से न रोक सके)
कालामुनि, बिटलीधार, बलाती में दो से तीन फीट तक हिमपात हो चुका है। अंतिम भारतीय गांव कुटी में चार फीट से ज्यादा हिमपात हो चुका है। मुनस्यारी में न्यूनतम तापमान माइनस चार डिग्री सेल्सियस पहुंच चुका है।
अल्मोड़ा, रानीखेत के चौबटिया, शीतलाखेत व स्याहीदेवी की चोटियों पर सुबह बर्फबारी हुई।
(बागेश्वर में घरों की छतों पर पड़ी बर्फ का सुंदर नजारा बरबस आकर्षित कर रहा)
(बर्फबारी के समय नाव का मजा कौन ले, इस दौरान नैनी झील में नावों की कतार पर पड़ी बर्फ)
(चीड़ व देवदार के पेड़ों पर पड़ी बर्फ मानों चांदी के जेवर से लद गए हों)
(बर्फबारी देख पर्यटक अपने को रोक नहीं पाते जहां तहां अपने वाहनों से उतरकर बर्फ से खेलना शुरू कर दिए)