पाकिस्तान बॉर्डर तक खाने का स्वाद बढ़ाने के लिए तैयार पहाड़ का टमाटर
पहाड़ का लोकल टमाटर हरियाणा से बाघा बार्डर तक खाने का स्वाद बढ़ाने को तैयार है। गौलापार कोटाबाग कमोला-धमोला चोरगलिया चकलुआ और कालाढूंगी का टमाटर कुमाऊं की सबसे बड़ी मंडी में पहुंचना शुरू हो गया है। इस लोकल टमाटर के लिए डिमांड पहुंचनी शुरू हो गई है।
हल्द्वानी, जागरण संवाददता : पहाड़ का लोकल टमाटर हरियाणा से बाघा बार्डर तक खाने का स्वाद बढ़ाने को तैयार है। गौलापार, कोटाबाग, कमोला-धमोला, चोरगलिया, चकलुआ और कालाढूंगी का टमाटर कुमाऊं की सबसे बड़ी मंडी में पहुंचना शुरू हो गया है। लोकल मार्केट के अलावा अन्य राज्यों से भी इस लोकल टमाटर के लिए डिमांड पहुंचनी शुरू हो गई है।
हल्द्वानी बैल्ट यानी गौलापार, कोटाबाग, कमोला-धमोला, चोरगलिया, चकलुआ और कालाढूंगी (हल्द्वानी परिक्षेत्र) में टमाटर की खूब उपज होती है। हालांकि पिछले कुछ समय में कीड़ा या रोग लगने से टमाटर का रकबा कुछ हद तक घट गया है। इसके बावजूद अधिकांश किसान अब भी टमाटर की खेती करते हैं। इस बार सीजन शुरू होते ही इन क्षेत्रों का टमाटर मंडी पहुंचना शुरू हो गया है। हर साल दिसंबर से मार्च तक हल्द्वानी मंडी में लोकल किसान अपना टमाटर बेचने आता है। अब तक करीब 200 क्विंटल टमाटर मंडी पहुंच चुका है।
20 से 22 रुपये किलो थोक भाव
लोकल से आने वाला टमाटर का थोक भाव 20 से 22 रुपये किलो तक है। मंडी के आढ़तियों की मानें तो अब तक बाहर से मंगाए जा रहे टमाटर का थोक भाव 25 से 27 रुपये किलो व फुटकर भाव 40 रुपये किलो तक है। ऐसे में लोकल टमाटर की डिमांड भी बढ़ गई है।
इन क्षेत्रों में होता है सप्लाई
एक दौर में गौलापार का टमाटर अपने स्वाद से चलते पड़ोसी देश पाकिस्तान तक चर्चित था। जहां से हर साल हजारों क्विंटल टमाटर की डिमांड हल्द्वानी मंडी आती थी। पिछले कुछ समय से टमाटर का पाकिस्तान में निर्यात बंद कर दिया गया है। अब गौलापार समेत अन्य लोकल क्षेत्रों के टमाटर की डिमांड देहरादून, लखनऊ, कानपुर, हरिद्वार, ऋषिकेश के अलावा बाघा बार्डर, दिल्ली, हरियाणा, हरिद्वार तक है।
पिछले साल 40 हजार क्विंटल सप्लाई
मंडी कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार हल्द्वानी परिक्षेत्र के टमाटर की डिमांड हर साल खूब रहती है। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि पिछले सीजन में 40,567 क्विंटल टमाटर अन्य राज्यों में भेजा गया था।