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हल्द्वानी मंडी में टमाटर और आलू के दाम हुए कम, भिंडी महंगी

पंजाब उत्तर प्रदेश आदि में आलू उत्पादन बेहतर हुआ है। आलू को हल्द्वानी मंडी भेजा जा रहा है। जिससे पहाड़ी आलू पर निर्भरता कम हो रही है। यही कारण है कि सब्जी के दाम गिरने लगे हैं। टमाटर से दूरी बनाने वाले लोगों ने खरीदारी तेज कर दी है।

By Prashant MishraEdited By: Published: Sat, 27 Nov 2021 07:41 AM (IST)Updated: Sat, 27 Nov 2021 07:41 AM (IST)
हल्द्वानी मंडी में टमाटर और आलू के दाम हुए कम, भिंडी महंगी
इन दिनों अगेती फसलें मसलन जल्दी आने वाली मटर, गाजर आदि के दाम तो अधिक रहेंगे ही।

जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : सब्जी बाजार में सबसे ज्यादा बिकने वाली सब्जी आलू व टमाटर के दाम गिरने लगे हैं। जिससे आम उपभोक्ताओं ने राहत महसूस की है। बाजार में टमाटर के दाम 30 से 35 रुपये तो नई आलू 15 से 17 रुपये किलो के भाव बिक रही है। भिंडी के दाम बढ़ गए हैं।

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सब्जी विक्रेताओं का कहना है कि पंजाब, उत्तर प्रदेश आदि में आलू उत्पादन बेहतर हुआ है। आलू को हल्द्वानी मंडी भेजा जा रहा है। जिससे पहाड़ी आलू पर निर्भरता कम हो रही है। यही कारण है कि बाजार में सब्जी के दाम गिरने लगे हैं। जिससे टमाटर से दूरी बनाने वाले लोगों ने खरीदारी तेज कर दी है। जबकि अन्य सब्जियों के दाम में भी कमी आई है। एक सप्ताह पहले 15 से 20 रुपये किलो बिकने वारी फूल गोभी अब 12 से 13 रुपये तक बिक रही है। सब्जी विक्रेता गिरीश पलडिय़ा ने बताया कि पत्ता गोभी 15 से 17 रुपये किलो बिक रही है। कद्दू का बाजार भाव 20 रुपये किलो है। आफ सीजन हो चुकी भिंडी 40 से 42 रुपये किलो के भाव बाजार में बिक रही है। प्याज 30 से 32 रुपये किलो तक बिक रही है। वहीं हरी प्याज को 20 से 25 रुपये किलो बेचा जा रहा है। हरी मिर्च 15 से 20 रुपये किलो, खीरा 27 से 28 रुपये किलो, गडेरी 15 से 20 रुपये किलो, बैगन 15 से 20 रुपये किलो बिक रही है।

बारिश के बाद ठंड आते आते सब्जियों के दाम कम होना शुरू हो जाते हैं। जिन फसलों को पाला आदि नुकसान पहुंचाते हैं उन्हें छोड़ दिया जाए तो सब्जियों के दाम कम रहने की संभावना व्यापारी जता रहे हैं। इन दिनों अगेती फसलें मसलन जल्दी आने वाली मटर, गाजर आदि के दाम तो अधिक रहेंगे ही। पर जब मौसम के हिसाब से इन फसलों की अधिकता होगी तो यह भी कम हो जाएंगे। हालांकि सब्जी व्यापारियों का कहना है कि सहालग का भी असर सब्जियों के दामों में पड़ता है, क्योंकि इस दौरान लोग अधिक मात्रा में एकसाथ खरीदारी करते हैं और फिर जिन सब्जियों की कमी हो जाती है उनकी मांग बढ़ते ही भाव चढ़ जाता है।


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