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आम लोगों को हक दिलाने के लिए शिक्षक ने आरटीआइ को बनाया हथियार

सीमांत जिले के राइंका आठगांव शिलिंग में तैनात शिक्षक मनमोहन सिंह धामी ने आम जनता की समस्याओं को हल करने के लिए आरटीआई को अपना हथियार बना लिया है।

By Edited By: Published: Sat, 19 Jan 2019 10:46 PM (IST)Updated: Sun, 20 Jan 2019 08:09 PM (IST)
आम लोगों को हक दिलाने के लिए शिक्षक ने आरटीआइ को बनाया हथियार
आम लोगों को हक दिलाने के लिए शिक्षक ने आरटीआइ को बनाया हथियार

पिथौरागढ़, जेएनएन : आम लोगों को हर रोज होने वाली परेशानी कुछ लोगों को खासा परेशान करती हैं। जनता के दर्द को लेकर संवेदनशील लोग इसके लिए प्रयास करते हैं लेकिन सुनवाई नहीं होने पर मन मनोस कर चुप बैठ जाते हैं। कुछ लोग हिम्मत नहीं हारते हैं । समस्याओं के निदान के लिए प्रयास जारी रखकर मुकाम हासिल करते हैं। समाधान के लिए कोई न कोई रास्ता निकाल ही लेते हैं। ऐसे ही लोगों में शामिल हैं सीमांत जिले के राइंका आठगांव शिलिंग में तैनात शिक्षक मनमोहन सिंह धामी। जिन्होंने आम जनता की समस्याओं को हल करने के लिए सूचना अधिकार अधिनियम (आरटीआई)को अपना हथियार बना लिया।
समाज में शिक्षक का दर्जा ऊंचा माना जाता है। शिक्षक मनमोहन सिंह धामी ने इसे साबित भी किया है। आम जनता की समस्याओं के प्रति हमेशा संवेदनशील रहने वाले शिक्षक धामी आम आदमी की समस्याओं को लेकर छात्र जीवन से ही संघर्षरत रहे। जिले के मढ़मानले क्षेत्र के रहने वाले धामी छात्र जीवन में छात्रों की समस्याओं को लेकर महाविद्यालय प्रशासन से भिड़ते रहे। शिक्षा पूरी कर लेने के बाद वे शिक्षक के रू प में तैनात हो गए। शिक्षण कार्य से मिलने वाले समय में वे जनता की समस्याओं को उठाते रहे, लेकिन वर्ष 2010 से पहले समस्याओं का तत्काल समाधान न होने पर वे खासे व्यथित रहते थे। वर्ष 2011 में उन्हें सूचना के अधिकार अधिनियम की जानकारी मिली। इसका उन्होंने गहनता से अध्ययन किया और इसकी ताकत पहचानकर उन्होंने समस्याओं के समाधान के लिए इसका उपयोग शुरू किया।

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ऐसे मिली आम लोगों को राहत
पिथौरागढ़ नगर में गैस की होम डिलीवरी न होने से उपभोक्ताओं खासकर महिलाओं को होने वाली परेशानी को देखते हुए उन्होंने गैस एजेंसी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। उन्होंने सूचना अधिकार अधिनियम दाखिल किया तो गैस एजेंसी को होम डिलीवरी शुरू करनी पड़ी। पब्लिक स्कूलों की मनमानी फीस, पहाड़ में मानकों के विपरीत सड़कों के कटान का मामला उन्होंने सूचना अधिकार अधिनियम के जरिए उठाए। कई मामलों में उन्हें सफलता मिली। पिथौरागढ़ नगर में सैट टॉप बाक्स की अधिक कीमत लिए जाने का मामला भी उन्होंने आरटीआई के जरिए उठाया। शिक्षा विभाग में प्रधानाचार्यों के सेवा विस्तार के मामले में उन्होंने लंबी लड़ाई लड़ी और आरटीआई के जरिए इसमें बदलाव करवाया।

आरटीआइ की जानकारी होना जरूरी
मनमोहन सिंह धामी ने कहा कि आम जनता आज भी ठगी जा रही है। इसका कारण जनता को पूरी जानकारी हासिल नहीं होना है। इसके लिए जनता को अपने अधिकारों की जानकारी के साथ ही साथ आरटीआई की पूरी जानकारी होनी चाहिए। आरटीआई ऐसा माध्यम है जिससे कई समस्याओं का समाधान संभव है। जनता को सरकार द्वारा दिए गए इस अधिकार का अधिक से अधिक उपयोग करना चाहिए। जहां पर अनदेखी होगी सूचना अधिकार के माध्यम से हक दिलाने के लिए संघर्ष जारी रहेगा।

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