चम्पावत के ढकना बड़ोला गांव में नहीं मिल रहा बाघ, नौ दिसबंर को कैमरे में हुआ था कैद
महिला को निवाला बनाने के बाद नौ दिसंबर को बाघ की मूवमेंट वन विभाग के कैमरा ट्रैप में कैद हुई थी। तब से लेकर जंगल में न तो बाघ और न ही गुलदार की मूवमेंट दिखाई दी है।
जागरण संवाददाता, चम्पावत : ढकना बड़ोला गांव से लगे जंगल से बाघ नदारद हो गया है। छह दिसंबर को घास लेने जंगल गई महिला को निवाला बनाने के बाद नौ दिसंबर को बाघ की मूवमेंट वन विभाग के कैमरा ट्रैप में कैद हुई थी। तब से लेकर जंगल में न तो बाघ और न ही गुलदार की मूवमेंट दिखाई दी है। इधर ताराचौड़ के पास एक साथ चार गुलदारों का घूमते हुए वीडियो इंटरनेट मीडिया में वायरल हुआ है। लेकिन वन विभाग ने वीडियो की पुष्टि नहीं की है।
बाघ ने छह दिसंबर को ढकना बडोला गांव के जंगल में 35 वर्षीय मीना देवी को मौत के घाट उतार दिया था। पहले यह माना जा रहा था कि महिला के गुलदार ने मारा है। लेकिन तीसरे दिन घटना स्थल पर लगे वन विभाग के कैमरा ट्रैप में बाघ की मूवमेंट दिखाई देने से हड़कंप मच गया था। तब से यह मान लिया गया था कि महिला को बाघ ने मारा है। इसके बाद विभाग ने घटना स्थल पर बड़ा पिंजरा लगा दिया था। पिंजरा लगाए 22 दिन हो गए हैं लेकिन बाघ या गुलदार कैद नहीं हो पाया है। खास बात यह है कि बाघ की मूवमेंट आस-पास कहीं नजर नहीं आ रही है। पिछले दिनों छह रेंजों की टीम ने मिलकर जंगल में विशेष कांबिंग कर हांका लगाया, लेकिन सफलता नहीं मिली। रेंजर हेम चंद्र गहतोड़ी ने बताया कि बाघ को कैद करने के प्रयास लगातार किए जा रहे हैं। लेकिन पिंजरा लगने के बाद बाघ की मूवमेंट नजर नहीं आ रही है।
विभाग की टीम जंगलों में लगातार कांबिंग की कर रही है। नौ जगहों पर कैमरा ट्रैप और पांच जगह पांवों के चिह्न मापने वाले उपकरण भी लगाए गए हैं। रेंजर गहतोड़ी ने बताया कि शुक्रवार को चम्पावत के ताराचौड़ के आस-पास एक साथ चार गुलदार घूमने का वीडियो इंटरनेट मीडिया में वायरल हो रहा है। यह वीडियो साफ नहीं होने से इसका सही अंदाज लगाना मुश्किल है। इस स्थिति में वायरल वीडियो की पुष्टि नहीं की जा सकती। उन्होंने लोगों से किसी भी प्रकार के दहशत में न आने की अपील की है। इधर बाघ के अब तक नहीं पकड़े जाने से आस-पास के गांवों में भय का महौल अभी भी बरकरार है। ग्रामीण विमला देवी, चंचला देवी, पुष्पा देवी, ईश्वरी देवी, कमला देवी, माया देवी, शांति देवी, मेनका देवी आदि ने विभाग से बाघ को पिंजरे में कैद करने की मांग की है ताकि उनका डर दूर हो सके।