International Tigers Day 2021 : तेंदुआ-भालू और हाथी के मुकाबले बाघ कम हमलावर, बड़े शिकार करना पसंद
International Tigers Day 2021 जंगल का राजा कहा जाने वाला बाघ सबसे ज्यादा ताकतवर होता है। सटीक हमले में वह विशालकाय हाथी को भी निवाला बना लेता है लेकिन मानव-वन्यजीव संघर्ष की घटनाओं में गुलदार व भालू के मुकाबले बाघ कम शामिल रहा।
जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : International Tigers Day 2021 :जंगल का राजा कहा जाने वाला बाघ सबसे ज्यादा ताकतवर होता है। सटीक हमले में वह विशालकाय हाथी को भी निवाला बना लेता है, लेकिन मानव-वन्यजीव संघर्ष की घटनाओं में गुलदार व भालू के मुकाबले बाघ कम शामिल रहा। आंकड़े गवाह हैं कि उत्तराखंड में बीस साल के अंदर टाइगर से ज्यादा गुलदार, हाथी, भालू के हमले और सर्पदंश से लोगों की मौत हुई है। विषम परिस्थितियों में ही बाघ आबादी किनारे के जंगल में नजर आता है। वरना उसे घना जंगल पसंद है।
बाघ के हमले में 46 लोगों की मौत
साल 2001 से 2020 तक प्रदेश में बाघ के हमले में कुल 46 लोगों की मौत हुई और 98 लोग घायल हुए। वन महकमे के मुताबिक अधिकांश घटनाओं में देखा गया कि जंगल क्षेत्र में जाने पर ही हमला हुआ और हमलावर बाघ वहीं थे जो कि उम्र बढऩे या अन्य शारीरिक दिक्कत की वजह से शिकार करने में अक्षम हो चुके थे।
कई बाघ Zoo की शोभा बढ़ा रहे
गुलदार भोजन के चक्कर में आबादी के आसपास घात लगाकर बैठने से भी परहेज नहीं करता। अफसरों के मुताबिक जंगल में बाघ का अपना एक क्षेत्र होता है। जिसे टाइगर टैरिटरी कहते हैं। इस एरिया में उसे दूसरे टाइगर की मौजूदगी भी पसंद नहीं है। वहीं, मानव-वन्यजीव संघर्ष के दौरान रेस्क्यू किए गए कई बाघ अब चिडिय़ाघर की शोभा बढ़ा रहे हैं।
वन्यजीव हमले में मौत घायल
गुलदार 455 1587
हाथी 184 181
भालू 59 879
बाघ 46 98
अन्य 30 593
नोट-साल 2001 से 2020 के आंकड़ा
बाघ बड़ा शिकार करना पसंद
एसडीओ अल्मोड़ा गणेश चंद्र त्रिपाठी ने बताया कि बाघ की खासियत यह है कि वह घने जंगल में रहना पसंद करता है। जबकि गुलदार भोजन की तलाश में आबादी के पास मंडराते हैं। हाथी भी फसल के लालच में आबादी को आता है। जिस वजह से बाघ के मुकाबले गुलदार व हाथी के हमले ज्यादा सामने आए हैं। दूसरा छोटे की बजाय बाघ बड़ा शिकार करना ज्यादा पसंद करता है।