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हल्द्वानी से सटे गौलापार के जंगल में लकड़ी लेने गई महिलाओं पर बाघ का हमला, दो की हालत गंभीर

हल्द्वानी से सटे गौलापार से लगे जंगल में लकड़ी बीनने गई महिलाओं पर बाघ ने हमला कर दिया। हमले से महिलाओं में दहशत मच गई। गनीमत रही कि महिलाएं किसी तरह बाघ के चंगुल से बच निकलीं। सूचना पर बड़ी संख्या में ग्रामीण भी मौके पर पहुँच गए।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Tue, 26 Jan 2021 01:29 PM (IST)Updated: Tue, 26 Jan 2021 01:29 PM (IST)
हल्द्वानी से सटे गौलापार के जंगल में लकड़ी लेने गई महिलाओं पर बाघ का हमला, दो की हालत गंभीर
हल्द्वानी से सटे गौलापार के जंगल में लकड़ी लेने गई महिलाओं पर बाघ का हमला, दो की हालत गंभीर

हल्द्वानी, जागरण संवाददाता : हल्द्वानी से सटे गौलापार से लगे जंगल में लकड़ी बीनने गई महिलाओं पर बाघ ने हमला कर दिया। हमले से महिलाओं में दहशत मच गई। गनीमत रही कि महिलाएं किसी तरह बाघ के चंगुल से बच निकलीं। सूचना पर बड़ी संख्या में ग्रामीण भी मौके पर पहुँच गए। जिसके बाद दो जख्मी महिलाओं को एसटीएच में लाया गया। जहाँ एक की हालत गंभीर बनी है। सूचना पर वन विभाग की टीम भी अस्पताल पहुँच गई थी।

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गौलापार की सुंदरपुर रैक्वाल की प्रधान उमा रैक्वाल के पति नीरज रैक्वाल ने बताया कि गांव की खष्टी देवी व मुन्नी देवी मंगलवार सुबह 11 बजे जलौनी लकड़ी बीनने के लिए आबादी से सटे किशनपुर रेंज के जंगल गई थी। इस बीच बाघ ने दोनों पर हमला बोल दिया। जख्मी होने के बावजूद दोनों ने हिम्मत नहीं हारी और चीखते हुए दौड़ने लगी।

इस बीच स्थानीय लोग भी मौके पर पहुँच गए। तब तक बाघ गायब हो चुका था। जिसके बाद ग्रामीण दोनों महिलाओं को लेकर एसटीएच पहुँचे। जहाँ खष्टी देवी की हालत गंभीर है। वहीं, वन विभाग की टीम ने अस्पताल पहुँच घटना के बाबत जानकारी भी जुताई। पहले संदेह था कि हमला गुलदार ने किया या फिर बाघ ने। मगर पूछताछ में महिलाओं ने साफ कहा कि हमलावर बाघ ही था।

चार दिन पहले पीसीसीएफ से लगाई थी गुहार: गौलापार में वन्यजीवों खासकर हाथियों का आतंक पिछले छह महीने से चल रहा है। सबसे ज्यादा नुकसान सुंदरपुर रैक्वाल गांव में हुआ। चार दिन पहले प्रधान पति नीरज रैक्वाल ग्रामीणों संग देहरादून गए थे। जहाँ प्रमुख वन संरक्षक राजीव भरतरी से मुलाकात कर आतंक से निजात दिलाने की मांग की थी।


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