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एमबीपीजी में अब तक तीन हजार प्रवेश, छात्राओं को आर्ट और बीएससी बायो पसंद, छात्रों को कॉमर्स व मैथ भाया

कुमाऊं के सबसे अधिक छात्र संख्या वाले डिग्री काॅलेज एमबीपीजी में स्नातक प्रथम वर्ष में दाखिला प्रक्रिया जारी है। अब तक करीब तीन हजार प्रवेश हो चुके हैं। जिनमें 47 फीसद छात्राओं की भागीदारी है। आंकड़ों पर नजर दौड़ाएं तो कई कक्षाओं में छात्रों से अधिक संख्या छात्राओं की है।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Tue, 24 Nov 2020 08:36 AM (IST)Updated: Tue, 24 Nov 2020 08:36 AM (IST)
एमबीपीजी में अब तक तीन हजार प्रवेश, छात्राओं को आर्ट और बीएससी बायो पसंद, छात्रों को कॉमर्स व मैथ भाया
एमबीपीजी में अब तक तीन हजार प्रवेश, छात्राओं को आर्ट और बीएससी बायो पसंद, छात्रों को कॉमर्स व मैथ भाया

हल्द्वानी, जेएनएन : कुमाऊं के सबसे अधिक छात्र संख्या वाले डिग्री काॅलेज एमबीपीजी में स्नातक प्रथम वर्ष में दाखिला प्रक्रिया जारी है। अब तक करीब तीन हजार प्रवेश हो चुके हैं। जिनमें 47 फीसद छात्राओं की भागीदारी है। आंकड़ों पर नजर दौड़ाएं तो कई कक्षाओं में छात्रों से अधिक संख्या छात्राओं की है। जहां छात्राओं को कला वर्ग और बीएससी बायोलाजी पसंद आ रही है वहीं, छात्रों की रुचि कामर्स और गणित की उलझने सुलझाने में दिखाई दे रही है।

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एमबीपीजी काॅलेज में इस बार स्नातक प्रथम वर्ष की कक्षाओं में चार हजार दाखिले होने हैं। जिसके लिए कालेज प्रशासन की ओर से अब तक तीन मेरिट सूचियां जारी कर दी गई हैं। जिसके बाद वेटिंग लिस्ट का भी प्रकाशन हो चुका है। छात्रों की मांगों के मद्देनजर कालेज प्रशासन की ओर से सीटें बढ़ाने को लेकर कुमाऊं विश्वविद्यालय को भी पत्राचार किया गया है। बहरहाल सीटें अभी बढ़ाई नहीं गई है। ऐसे में स्नातक प्रथम वर्ष में दाखिला प्रक्रिया अंतिम चरणों में है।

आंकड़ों की जुबानी

स्नातक प्रथम वर्ष

कक्षा                    छात्र                       छात्राएं                  कुल प्रवेश

बीए                     525 (43 फीसद)     703 (57 फीसद)    1223

बीकाम                508 (67 फीसद)     255 (33 फीसद)    763

बीएससी बायो      119 (29 फीसद)      294 (71 फीसद)    413

बीएससी गणित     375 (73 फीसद)     144 (27 फीसद)     519

आॅनलाइन प्रक्रिया से छात्रों को हुई सहूलियत

एमबीपीजी काॅलेज के प्रवेश प्रभारी डाॅ. एसएन सिद्ध ने बताया कि इस बार प्रवेश प्रक्रिया आॅनलाइन होने से छात्राओं ने प्रवेश लेने में काफी रुचि दिखाई है। आॅनलाइन प्रक्रिया से छात्र सहूलियत महसूस कर रहे हैं। बीते सालों तक अधिकांश छात्र-छात्राएं भीड़ को देखकर ही प्रवेश लेने के लिए तैयार नहीं होते थे।


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