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आदमखोर के दहशत से निजात दिलाने के लिए अब तीन शूटरों ने संभाला मोर्चा, रेड अलर्ट जारी

आदमखोर तेंदुआ अब चालाक हो गया है। आतंक का पर्याय बन चुके तेंदुए पर काबू पाने के लिए एक और शूटर ने मोर्चा संभाल लिया है।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Fri, 10 Jul 2020 07:18 PM (IST)Updated: Fri, 10 Jul 2020 07:18 PM (IST)
आदमखोर के दहशत से निजात दिलाने के लिए अब तीन शूटरों ने संभाला मोर्चा, रेड अलर्ट जारी
आदमखोर के दहशत से निजात दिलाने के लिए अब तीन शूटरों ने संभाला मोर्चा, रेड अलर्ट जारी

अल्मोड़ा, जेएनएन : आदमखोर तेंदुआ अब चालाक हो गया है। आतंक का पर्याय बन चुके तेंदुए पर काबू पाने के लिए एक और शूटर ने मोर्चा संभाल लिया है। अब तीन शिकारी, दो वॉचर और 30 तेज तररर वन कर्मियों की पांच टीमें उसे तलाश रही हैं। मगर वह छकाने लगा है। दिन रात गश्त के बाद माना जा रहा है कि आदमखोर ने उडल, डूंगरी व पेटशाल गांव के आसपास डेरा डाल दिया है। बीती आधी रात को सुनोली के ग्राम प्रधान ने उसे कैमरे में कैद कर लिया। हालांकि यह साफ नहीं हो सका है कि तेंदुआ वही आदमखोर है या उसके कुनबे का दूसरा सदस्य।

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पेटशाल से उडल तक 10 वर्ग किमी के दायरे में डीएफओ महातिम सिंह यादव के रेड अलर्ट घोषित करने के बाद एक और शूटर हरीश सिंह धामी, नवाब सैफी आशिफ व राजीव सोलोमन ने अपने दो सहायकों के साथ गश्त तेज कर दी है। वन क्षेत्राधिकारी संचिता वमर की अगुवाई में दो टीमें शिकारी दल तथा तीन अलग अलग दिशाओं से पेट्रोलिंग कर रहीं। डीएफओ महातिम सिंह यादव ने बताया कि ग्रामीणों को हिंसक तेंदुए से निजात दिलाना हमारी प्राथमिकता है। क्षेत्रवासी धैर्य रखें। सावधान रहें। समूह में खेतीबाड़ी का काम निपटाएं। अकेले कतई न घूमें। इस संवेदनशील मामले में जनसहयोग बेहद जरूरी है।

डीएफओ ने जारी किया किया रेड अलर्ट

मृत मवेशियों को घर के आसपास न फेंकें। बच्चों व मवेशियों को निगरानी में रखें, अनावश्यक अकेले बाहर न निकलें। तेंदुआ के रात में हमले की संभावना ज्यादा रहती है। विशेष सावधनी रखें। घरों के आसपास बिजली की व्यवस्था करें। घरों के आसपास झाडि़यां न उगने दें। गुलदार इन्हीं में छिपता है। पैदल मार्गो को झाडि़यों से मुक्त रखें। शौचालय का ही प्रयोग करें। घर से बाहर महिला पुरुष समूह में रहें। सूयरस्त से पूर्व घर लौट आएं। जंगली जानवर या पगचिह्न दिखे तो तत्काल वन विभाग को सूचित करें। घर के बाहर लाठी व टॉर्च जरूर रखें। जंगल में घास या चारा काटने न जाएं।

अचानक दे सकता है धोखा

दरअसल, गुलदार को बाघ व चीता आदि की तुलना में ज्यादा शातिर शिकारी माना जाता है। बेशक गश्त के दौरान उडल, डूंगरी व पेटशाल में उसकी मौजूदगी के प्रमाण नहीं मिल रहे। मगर 10 वर्ग किमी की अपनी रियासत में किसी दूसरे इलाके में घुसपैठ का खतरा है। वहीं वापस पुराने इलाके में लौटने का अंदेशा भी है। ऐसे में वह अचानक दस्तक भी दे सकता है। किसी भी सि्थति से निपटने के लिए डीएफओ महातिम सिंह यादव ने प्रभावित क्षेत्र के ग्रामीणों को अति एहतियात बरतने की हिदायत दी है।

बच्चे और महिला का हुआ है शिकार

बीती सोमवार की शाम अल्मोड़ा जिले के भैंसियाछाना ब्लॉक के डूंगरी के उडल गांव में तेंदुए डेढ़ साल के मासूम को मार डाला था। वहीं बुधवार को पास के ही गांव पेटशाल में आनंदी देवी (65) नाम की महिला का भी क्षतविक्षत शव बरामद हुआ था। ग्रामीणों के अनुसार महिला को भी तेंदुआ ने शिकार बनाया है। वहीं वनाधिकारियों का कहना है कि किसी अन्य जानवर ने महिला को खाया है।

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