बागेश्वर के कपकोट में तीन मकान चढ़े बारिश की भेंट, 11 सड़कें अभी भी बंद, 11 हजार लोग प्रभावित
बागेश्वर में भारी बारिश से जनजीवन अस्तव्यस्त है। कई मकान व सड़कों को खतरा पैदा हो गया है। भारी मलबा आने से तीन मकान ध्वस्त हो गए हैं। लोगों ने मुआवजे की मांग की है। 11 हजार लोग प्रभावित हो गए हैं
जागरण संवाददाता, बागेश्वर : जिले में रुक-रुक बारिश का दौर जारी है। पिछले 24 घंटे के भीतर कपकोट क्षेत्र में तीन मकान क्षतिग्रस्त हो गए हैं। जबकि एक गोशाला भी ध्वस्त हो गई है। हालांकि पशु और जनहानि नहीं हुई है। लेकिन तीन परिवारों के 15 लोग बेघर हो गए हैं। वहीं, बारिश के कारण मलबा, बोल्डर और भूस्खलन होने से जिले की 11 सड़कें बंद हैं और लगभग 11 हजार लोग प्रभावित हो गए हैं।
जिले में बुधवार को सुबह रिमझिम बारिश हुई। जबकि दोपहर में धूप और छांव का खेल चला। जबकि शाम होते-होते उच्च हिमालयी क्षेत्र में बारिश शुरू हो गई है। अतिवृष्टि से कपकोट के सुलमती निवासी गोपुली देवी पत्नी मान सिंह का आवासीय मकान क्षतिग्रस्त हो गया है। परिवार के दो सदस्य बेघर हो गए हैं। पोथिंग गांव निवासी नंदा बल्लभ पुत्र गंगा दत्त का मकान भी आंशिक क्षतिग्रस्त हो गया है। उनके परिवार के आठ सदस्यों ने पड़ोसी के यहां शरण ली है। पैसारा गांव निवासी गंगा राम पुत्र रतन राम का मकान ध्वस्त हो गया है। परिवार के पांच सदस्यों ने घर छोड़ दिया है। इसी गांव के पूरन राम पुत्र दीवान राम की गोशाला क्षतिग्रस्त हो गई है। हालांकि पशु और जनहानि नहीं है।
इधर, बारिश से गरुड़-द्यौनाई, पोथिंग-शोभाकुंड, भयूं-गुलेर, धरमघर-सनगाड़-बास्ती, कंधार-सिरमोली-लोहागढ़ी, बिजोरीझाल-ओखलसों, डंगोली-सैलानी, मुनार बैंड से सूपी, बागेश्वर-कपकोट से लीली, शामा-नाकुड़ी, चीराबगड़-पोथिंग आदि मोटर मार्ग बंद हैं। वहीं, ग्रामीण क्षेत्रों में भूस्खलन का खतरा बढ़ गया है। रास्ते, पेयजल योजनाएं, बिजली लाइन पर खतरा मंडराने लगा है। उधर, जिला आपदा अधिकारी शिखा सुयाल ने बताया कि जिलाधिकारी के निर्देश पर सभी तहसीलों में स्थापित कंट्रोल रूम 24 घंटे संचालित किए जा रहे हैं। इसके अलावा बंद सड़कों को खोलने के लिए लोडर मशीनें लगाई गईं हैं।