बागेश्वर में भारी बारिश से तीन मकान ध्वस्त, दस सड़कें बंद, 20 हजार की आबादी प्रभावित
जिले में रात को बारिश हो रही है और दिन में धूप खिल रही है। जिससे भूस्खलन का खतरा बढ़ गया है। अतिवृष्टि से तीन मकान ध्वस्त हो गए हैं।
बागेश्वर, जेएनएन : जिले में रात को बारिश हो रही है और दिन में धूप खिल रही है। जिससे भूस्खलन का खतरा बढ़ गया है। अतिवृष्टि से तीन मकान ध्वस्त हो गए हैं। जिससे 13 प्रभावितों ने पड़ोसियों के यहां शरण ली है। दस सड़कें आवागमन के लिए बंद हो गई हैं। जिससे करीब बीस हजार से अधिक ग्रामीण प्रभावित हो गए हैं।
अतिवृष्टि से कांडा तहसील के रतघर निवासी जगदीश चंद्र का आवासीय मकान ध्वस्त हो गया है। परिवार के चार सदस्यों ने पड़ोसियों के घर में शरण ली है। बागेश्वर तहसील के सेला गांव निवासी नंदन राम का मकान भी बारिश की भेंट चढ़ गया है। उनके परिवार के पांच सदस्यों ने अन्यत्र शरण ली है। वहीं, कलढूंगा निवासी प्रकाश चंद्र का आवासीय भवन आंशिक क्षतिग्रस्त हो गया है। प्रभावित परिवार के चार सदस्यों ने पड़ोसी के घर में शरण ली है।
ब्रजपात से मरी बकरियां
कपकोट तहसील के कीमु गांव में ब्रजपात से हरमल सिंह पुत्र मोहन सिंह की दो बकरी, भगत सिंह पुत्र पान सिंह की एक, गोगिना निवासी देव सिंह पुत्र त्रिलोक सिंह दो, गोविंद सिंह पुत्र शेर सिंह की 28, हर राम पुत्र दुल राम की एक, भगवान सिंह पुत्र गाबुर सिह की चार, रूप सिंह पुत्र नैन सिंह की चार, झूनी गांव निवासी खीम सिंह पुत्र हर सिंह की आठ, मान सिंह पुत्र बाला सिंह की 18, कीमू गांव निवासी लाल सिंह पुत्र कुंवर सिंह की 14, पुष्कर सिंह लछम सिंह की तीस बकरियां मर गईं हैं। प्रभावितों को तहसील स्तर से नियमानुसार अहैतुक सहायता दी जाएगी।
ये सड़कें आवागमन के लिए बंद
सोमवार की रात जिले के कपकोट, गरुड़ और बागेश्वर ब्लॉक में बारिश हुई। जिससे धैना, डंगोली-सैलानी, सनगाड़-बास्ती, धपोली-जेठाई, कौसानी-भैसुड़ी, मल्लाडोबा-नौघरस्टेट, रौल्याना, शामा-नौकोड़ी, बघर, नामती-चेटाबगड़ समेत दस मोटर मार्ग बंद हो गए हैं। जिससे ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों का आवागमन पूरी तरह बंद हो गया है।
पेयजल योजनाएं प्रभावित
बारिश से जगह-जगह रास्ते ध्वस्त हो गए हैं। पानी की योजनाएं भी प्रभावित हो गईं हैं। कठायतबाड़ा पंपिंग योजना सरयू नदी में सिल्ट आने से पंप नहीं हो सकी। जिससे करीब सात हजार लोगों की पानी की आपूर्ति चरमरा गई है। खरेही पंपिंग योजना भी सिल्ट आने से बंद है। जिससे खांकर, जोशीगांव, बजां, नैणी समेत 20 से अधिक गांवों में पेयजल संकट पैदा हो गया है।
बारिश से नदी का जलस्तर बढ़ा
जिले में बारिश होने से सरयू का जलस्तर 866.80, गोमती का 863.00 मीटर पहुंच गया है। जबकि खतरनाक लेबल 870.70 मीटर है। वहीं पिछले 24 घंटे में बागेश्वर में 7.50 एमएम, गरुड़ में 15 और कपकोट में 25 एमएम बारिश हुई।
सड़कों को खोलने का काम युद्ध स्तर पर
जिलाधिकारी विनीत कुमार ने कहा कि सभी आपदा कंट्रोल रूम, थाने अलर्ट हैं। जिला स्तरीय अधिकारी, कर्मचारी अपने तैनाती स्थल पर रहने के निर्देश हैं। किसी भी घटना के घटित होने पर त्वरित कार्रवाई की जाएगी। बंद सड़कों को खोलने का काम युद्धस्तर पर चल रहा है।