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उत्तराखंड बोर्ड परीक्षा न देने वाले हो गए पास और देने वाले हो गए फेल Champawat News

कोरोना वायरस का असर बोर्ड परीक्षा में भी देखने को मिला। वायरस के चलते जो छात्र बोर्ड परीक्षा नहीं दे पाए वह तो मूल्यांकन में पास हो गए और जिन छात्रों ने परीक्षा दी वह फेल हो गए।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Thu, 06 Aug 2020 06:47 PM (IST)Updated: Thu, 06 Aug 2020 06:47 PM (IST)
उत्तराखंड बोर्ड परीक्षा न देने वाले हो गए पास और देने वाले हो गए फेल Champawat News
उत्तराखंड बोर्ड परीक्षा न देने वाले हो गए पास और देने वाले हो गए फेल Champawat News

चम्पावत, जेएनएन : कोरोना वायरस का असर बोर्ड परीक्षा में भी देखने को मिला। वायरस के चलते जो छात्र बोर्ड परीक्षा नहीं दे पाए वह तो मूल्यांकन में पास हो गए और जिन छात्रों ने परीक्षा दी वह फेल हो गए। इसको लेकर फेल परीक्षार्थियों में आक्रोश है। उन्होंने अधिकारियों से अपनी उत्तर पुस्तिकाओं की पुन: जांच कराने की मांग की है। यह मामला बाराकोट जीआइसी का है। जहां जीव विज्ञान के 12 सभी परीक्षार्थी फेल हो गए हैं।

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बता दें कि कोरोना वायरस से बचाव को लेकर जारी लॉकडाउन में उत्तराखंड बोर्ड परीक्षाओं को बीच में रोकना पड़ा। लॉकडाउन खत्म होने पर सरकार ने जून माह में बोर्ड परीक्षा संपन्न कराई। इस दौरान सरकार ने यह भी कहा कि जो परीक्षार्थी परीक्षा नहीं दे पा रहे हैं उन्हें उनके कुल अंक प्रतिशत के आधार छूटे पेपर में अंक दिए जाएंगे। इसी के तहत जून माह में जीआइसी बाराकोट में जीव विज्ञान के 19 छात्रों में 12 ने परीक्षा दी। जबकि सात लोगों ने परीक्षा दी।

जब परीक्षा परिणाम जारी हुआ तो परीक्षा देने वाले सभी 12 परीक्षार्थी फेल हो गए और परीक्षा न देने वाले सात परीक्षार्थी कुल अंक प्रतिशत के आधार पर पास हो गए। जबकि फेल 12 परीक्षार्थी अन्य चार विषयों में पास हो गए। फेल होने से छात्र काफी परेशान है। उन्होंने प्रधानाचार्य समेत शिक्षा अधिकारियों को पत्र भेजकर इस निर्णय पर पुनरविचार करने के साथ पुनर्मूल्यांकन कराने की मांग की है।

सीईओ आरसी पुरोहित, सीईओ ने बताया कि जीआइसी बाराकोट में जीव विज्ञान की परीक्षा देने वाले 12 परीक्षार्थियों के फेल होने की बात सामने आई है। जबकि उन्हीं के साथ जिन सात छात्रों ने परीक्षा नहीं दी वह पास हो गए हैं। यह सात छात्र उनके अंक प्रतिशत के आधार पर मिले अंक से पास हुए हैं। यह सरकार का निर्णय था। अगर फेल छात्रों को दिक्कत है तो वह बोर्ड में प्रार्थन पत्र लगाकर अपनी उत्तर पुस्तिकाएं देख सकते हैं। दिक्कत होने पर उनकी उत्तर पुस्तिकाओं की पुन: जांच हो सकती है।


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