अक्टूबर में 40 मिमी तक होती है बारिश, इस बार अब तक नहीं गिरी बूंद, जानें वजह
मानसून सीजन एक जून से 30 सितंबर तक माना जाता है। वर्षभर के दौरान सर्वाधिक बारिश बरसात के इन्हीं चार माह में होती है। बावजूद इसके वर्ष भर बारिश की हल्की गतिविधियां देखने को मिलती हैं। मुक्तेश्वर में औसतन 1.8 दिन और हल्द्वानी में 1.6 दिन बारिश होती है।
हल्द्वानी, जेएनएन : मानसून सीजन एक जून से 30 सितंबर तक माना जाता है। वर्षभर के दौरान सर्वाधिक बारिश बरसात के इन्हीं चार माह में होती है। बावजूद इसके वर्ष भर बारिश की हल्की गतिविधियां देखने को मिलती हैं। मुक्तेश्वर और हल्द्वानी की बात करें तो अक्टूबर माह में इन दोनों स्टेशनों में 40 मिमी तक बारिश होती है लेकिन इस बार अक्टूबर के 11 दिन बीतने के बाद भी बारिश की बूंद नहीं गिरी है। हालांकि अक्टूबर में बारिश के दिन बहुत कम रहते हैं। मुक्तेश्वर में औसतन 1.8 दिन और हल्द्वानी में 1.6 दिन बारिश होती है।
गोविंद बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय पंतनगर के वरिष्ठ मौसम विज्ञानी डा. आरके सिंह बताते हैं कि इस बार अक्टूबर में कम दबाव के क्षेत्र कम विकसित हुए। बंगाल की खाड़ी में एकाध कम दबाव के क्षेत्र बने भी तो हवाओं की दिशा बदलने से नमी उत्तर भारत तक नहीं पहुंच पाई। इसकी वजह से उत्तराखंड समेत दूसरे राज्यों में मानसून की विदाई के बाद बारिश देखने को नहीं मिली। डा. सिंह बताते हैं कि कम दबाव का क्षेत्र या फिर पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होता है तो अक्टूबर के तीसरी और चौथी सप्ताह में उत्तराखंड में एक-दो दौर बारिश हो सकती है।
पहाड़ से लेकर तराई-भाबर तक खिली धूप
इस समय पर्वतीय क्षेत्रों में जहां मौसम सुहावना बना हुआ है। वहीं मैदानी और तराई क्षेत्रों में गर्मी का असर काफी कम हो गया है। दोपहर में अधिकतम तापमान 33 से 34 डिग्री सेल्सियस के आसपास पहुंच रहा है, जबकि रात का तापमान 18 डिग्री सेल्सियस तक गया है। चंपावत, पिथौरागढ़ और अल्मोड़ा जिलों में न्यूनतम तापमान 10 डिग्री के आसपास पहुंच गया। जिससे यहां सुबह और शाम के समय ठंड अपना अहसास कराने लगी है।