मंगलवार के योग में मनेगी दुर्गाष्टमी, कोरोना काल में इस तरह निकाले कन्या पूजन का विकल्प
नवरात्रि में अष्टमी व नवमी विशेष दिन होते हैं। नवरात्र की अष्टमी तिथि को मां दुर्गा की विशेष पूजा का विधान है। इस बार मंगलवार 20 अप्रैल को अष्टमी पर मां के महागौरी स्वरूप की पूजा होगी। अष्टमी व नवमी को कन्या पूजन व हवन कराने का विधान है।
हल्द्वानी, जागरण संवाददाता : नवरात्रि में अष्टमी व नवमी विशेष दिन होते हैं। नवरात्र की अष्टमी तिथि को मां दुर्गा की विशेष पूजा का विधान है। इस बार मंगलवार 20 अप्रैल को अष्टमी पर मां के महागौरी स्वरूप की पूजा होगी। अष्टमी व नवमी को कन्या पूजन व हवन कराने का विधान है। मार्कंडेय पुराण में अष्टमी तिथि को देवी पूजा का महत्व बताया गया है। कहा गया है कि अष्टमी पर देवी पूजा करने से संकट व दरिद्रता का नाश होता है।
कन्या पूजन की चिंता न करें
श्री महादेव गिरि संस्कृत महाविद्यालय के प्राचार्य डा. नवीन चंद्र जोशी का कहना है कि इस बार महामारी का प्रकोप अधिक है। ऐसे में देवी भक्तों को कन्या पूजन की चिंता सता रही होगी। ऐसे में भक्तगण अष्टमी पर कन्या पूजन का संकल्प लेकर आने वाले किसी भी महीने में शुक्लपक्ष की अष्टमी तिथि पर कन्या पूजन करा सकते हैं। ज्योतिष में अष्टमी तिथि को बलवती व व्याधि नाशक तिथि कहा गया है। इसके देवता शिवजी हैं। मंगलवार को अष्टमी तिथि का होना शुभ माना जाता है।
समृद्धि कारक है अष्टमी पूजा
अष्टमी तिथि पर विधि-विधान से पूजा करने के बाद मां दुर्गा से सुख, समृद्धि, यश, कीॢत, विजय, आरोग्यता की कामना करनी चाहिए। अष्टमी व नवमी को पूजन करने से कष्ट मिट जाते हैं। इस तिथि को परम कल्याणकारी व पवित्र व समृद्धिकारक बताया गया है। अष्टमी को आहुतियों के साथ देवी शस्त्रों की पूजा करनी चाहिए। नौ कन्याओं को देवी स्वरूप मानकर भोजन कराने का विधान है। मां दुर्गा को विशेष प्रसाद चढ़ाना चाहिए।
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