अब दुनिया 2020 तक हर व्यक्ति के पास होगा ये डिवाइस, जानिए
2020 तक दुनिया में 50 बिलियन डिवाइस तैयार हो जाएंगे। जिससे जीवन काफी आसान हो जाएगा। हर काम तेजी से होगा।
भीमताल, [गणेश जोशी]: हार्ट बीट चेक करनी हो या पेट में किसी तरह की गड़बड़ी। या फिर घर पहुंचने से पहले ही एसी ऑन करना। दुनिया में कोई भी काम ऐसा नहीं होगा, जो इंटरनेट के माध्यम से संभव नहीं हो सकेगा। इसके लिए दुनिया के कंप्यूटर वैज्ञानिक निरंतर नई खोज में जुटे हैं। 2020 तक दुनिया की आबादी सात बिलियन हो जाएगी और 50 बिलियन डिवाइस भी तैयार हो जाएंगे। यानी औसतन एक व्यक्ति आठ डिवाइस प्रयोग कर सकेगा। यह दावा भीमताल में आयोजित अंतरराष्ट्रीय सेमिनार में पहुंचे ऑस्ट्रेलिया में मेलबोर्न विश्वविद्यालय के प्रोफेसर अर्केडी का है। 'जागरण' से बातचीत में प्रो. अर्केडी ने कहा कि ये डिवाइस हैं मोबाइल, घड़ी, चश्मा, शर्ट, चिप समेत आदि।
ऐसे तमाम सेंसर युक्त डिवाइस हैं, जिनसे कार, घर, खेतीबाड़ी आदि अन्य कार्य को संचालित किया जा सकेगा। डिवाइस के जरिये इन कामों के संचालन से जीवन बेहद आसान हो जाएगा।
अमेरिका व यूरोप की आर्मी में हो रहे प्रयोग
अमेरिका व यूरोप की सेना में अधिकांश ऐसे ही उपकरण प्रयोग हो रहे हैं, जिनकी वजह से सेना अधिक शक्तिशाली है। प्रो. अर्केडी ने बताया कि सेंसर के उपयोग से कठिन काम को भी आसान कर दिया है। हेल्थ चेकअप से लेकर अन्य कार्य भी सेंसर से हो रहा है।
रोजगार पर आ जाएगा बड़ा संकट
पोलेंड के प्रोफेसर मर्सिन ने जागरण से बातचीत में कहा कि अगर सबकुछ इंटरनेट ऑफ थिंग्स से होने लगेगा, तो दुनिया में बड़े स्तर पर बेरोजगारी का संकट पैदा हो जाएगा। रोजगार उन्हीं के हाथों में रह जाएगा, जो तकनीक में कुशल होंगे।
बिजनेस पर आधारित आस्ट्रेलिया की शिक्षा
ऑस्ट्रेलिया की शिक्षा व्यवस्था पर मोनाष विश्वविद्यालय की प्रोफेसर फ्रेडा बर्सटेन ने बताया कि हमारे यहां स्नातक, परास्नातक से लेकर पीएचडी तक में शोध कार्य अनिवार्य है। अब वहां की शिक्षा पद्धति अंतरराष्ट्रीय स्तर की है, जो अंतरराष्ट्रीय मार्केट को फोकस करती है। इसलिए दुनियाभर के युवा पैसा खर्च कर पढ़ने आते हैं। देश में सबसे अधिक राजस्व भी शिक्षा से ही आता है।
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