Vasant Purnima 2021: भगवान श्रीकृष्ण को समर्पित है यह दिन, पूजा व व्रत करने से मिलता है विशेष लाभ
फाल्गुन पूर्णिमा 28 मार्च को है। श्रीमद्भागवत में भगवान श्रीकृष्ण कहते हैं ऋतुओं में मैं वसंत हूं। वसंत पूर्णिमा पर भगवान श्रीकृष्ण की विशेष पूजा करने की परंपरा है। भक्तजन व्रत रखकर पूजन करते हैं। फाल्गुन माह की पूर्णिमा को चंद्रमा सोहल कलाओं से पूर्ण होता है।
जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : वसंत पूर्णिमा के नाम से जानी जाने वाली फाल्गुन पूर्णिमा 28 मार्च को है। श्रीमद्भागवत में भगवान श्रीकृष्ण कहते हैं ऋतुओं में मैं वसंत हूं। वसंत पूर्णिमा पर भगवान श्रीकृष्ण की विशेष पूजा करने की परंपरा है। भक्तजन व्रत रखकर पूजन करते हैं। श्री महादेव गिरि संस्कृत महाविद्यालय के प्राचार्य डा. नवीन चंद्र जोशी कहते हैं ऋतुओं के बदलने के साथ मानसिक व शारीरिक बदलाव भी होते हैं। जिससे शरीर में वात, पित्त, कफ जैस विकार बढ़ते हैं। इससे बचाव के लिए पूर्णिमा पर व्रत करने की परंपरा बनाई गई है।
श्रीकृष्ण के पूजन से मिलती है मानिक शांति
फाल्गुन माह की पूर्णिमा को चंद्रमा सोहल कलाओं से पूर्ण होता है। दूध, पानी, पंचामृत, मक्खन आदि ने भगवान श्रीकृष्ण का पूजन करना चाहिए। ज्योतिषाचार्य डा. गोपाल दत्त त्रिपाठी कहते हैं कि ऐसा करने से मानसिक शांति मिलती है। काया निरोगी व दीर्घायु की प्राप्ति होती है। शास्त्रों में बताया गया है कि श्रीकृष्ण की पूजा करने से अनजाने में हुए पाप खत्म हो जाते हैं।
इस तरह करें भगवान का पूजन
ज्योतिषाचार्य डा. नवीन चंद्र बेलवाल ने मुताबिक श्रीकृष्ण की पूजा करने के लिए सूर्योदय से पहले नदी या गंगाजल युक्त पानी से स्नान करना चाहिए। श्रीकृष्ण की पूजा कर व्रत का संकल्प लें। भगवान की प्रतिमा को जल अर्पित करें। इसके बाद क्लीं कृष्णाय नम: का जाप करते हुए दूध, पंचामृत से अभिषेक करना चाहिए। अभिषेक के बाद भगवान को चंदन, अक्षत, अबीर, गुलाल, इत्र, तुलसी व जनेऊ आदि चढाएं। मक्खन मिश्री का भोग लगाएं।
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