रोड ब्लॉक होने के कारण सीमांत में हो सकता है रसोई गैस का संकट, प्रशासन ने आईओसी को लिखा लेटर
पिथौरागढ़-अल्मोड़ा मोटर मार्ग क बंद रहने से सीमांत जिले में खड़ी हुई ईंधन की दिक्कत को देखते हुए प्रशासन ने अब वैकल्पिक इंतजाम के लिए पहल कर दी है। प्रशासन ने टनकपुर मार्ग से भी ईंधन का ढुलान किए जाने की व्यवस्था के लिए आईओसी को पत्र लिखा है।
पिथौरागढ़, जागरण संवाददाता : पिथौरागढ़-अल्मोड़ा मोटर मार्ग के चार दिनों तक बंद रहने से सीमांत जिले में खड़ी हुई ईंधन की दिक्कत को देखते हुए प्रशासन ने अब वैकल्पिक इंतजाम के लिए पहल कर दी है। प्रशासन ने टनकपुर मार्ग से भी ईंधन का ढुलान किए जाने की व्यवस्था के लिए आईओसी (इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन) को पत्र लिखा है।
सीमांत जिले पिथौरागढ़ में रसोई गैस ढुलान के लिए आईओसी ने पिथौरागढ़-अल्मोड़ा मोटर मार्ग को ही स्वीकृति दी है। इस रूट के अतिरिक्त अन्य सड़कों से जिले पर गैस नहीं लाई जा सकती है। इधर मानसून के पहले चरण में ही अल्मोड़ा को जोडऩे वाली सड़क ने जवाब दे दिया है। भारी बारिश के चलते सड़क कई जगह पर क्षतिग्रस्त है। सड़क में जगह-जगह मलबा आ रहा है।
मानसून काल में सड़क के फिर बंद होने की संभावना है। पिछले दिनों पिथौरागढ़-अल्मोड़ा मोटर मार्ग के बंद होने के चलते गैस के वाहन पिथौरागढ़ नहीं पहुंच सके थे, जिससे जिला मुख्यालय में गैस का संकट खड़ा हो गया था। मुख्यालय में अब भी 1500 से अधिक सिलेंडरों का बैकलॉग चल रहा है। इसे दूर होने में दो दिन का समय और लगेगा।
भविष्य में जिला मुख्यालय में गैस का संकट न हो इसके लिए अब प्रशासन ने पहल कर दी है। अपर जिलाधिकारी फिंचा राम चौहान की ओर से आईओसी के क्षेत्रीय कार्यालय को पत्र भेजा गया है। जिसमें पूरी स्थिति का उल्लेख करते हुए टनकपुर मार्ग से भी गैस ढुलान की व्यवस्था किए जाने को कहा गया है। आईओसी की ओर से अभी कोई जवाब प्रशासन को नहीं मिला है। दो रूटों से गैस ढुलान की अनुमति मिल जाने पर जिले के लोगों को राहत मिलेगी।
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