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'कच्ची' से कमजोर यूथ के जीवन की डोर nainital news

हरिद्वार व सहारनपुर में कच्ची शराब पीने से दर्जनों लोगों की मौत के बावजूद प्रशासन पुलिस व आबकारी महकमा जानलेवा शराब को रोकने में नाकाम साबित हो रहा है।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Sat, 14 Dec 2019 07:16 PM (IST)Updated: Sat, 14 Dec 2019 07:16 PM (IST)
'कच्ची' से कमजोर यूथ के जीवन की डोर nainital news
'कच्ची' से कमजोर यूथ के जीवन की डोर nainital news

हल्द्वानी, जेएनएन : हरिद्वार व सहारनपुर में कच्ची शराब पीने से दर्जनों लोगों की मौत के बावजूद प्रशासन, पुलिस व आबकारी महकमा जानलेवा शराब को रोकने में नाकाम साबित हो रहा है। कुमाऊं मंडल में कच्ची व नकली शराब के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। वहीं हरियाणा से कई राज्यों व जिलों को पार कर शराब पहाड़ तक पहुंच रही है। लगातार पुलिस-आबकारी के हत्थे चढ़ रही हरियाणा ब्रांड की शराब खुद तस्करों के बुलंद हौंसलों की गवाह बन रही है।

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पहाड़ चढ़ रही शराब

कच्ची व नकली शराब सरकार के राजस्व को नुकसान पहुंचाने के साथ ही पीने वाले के लिए जानलेवा तक बन जाती है। इसमें होने वाली एल्कोहल की मात्रा असीमित होती है, जिससे जिंदगी खतरे में पड़ जाती है। हरिद्वार व उत्तरप्रदेश के सहारनपुर जिले में इस शराब को पीने से ताबड़तोड़ मौतों ने प्रदेश भर को झकझोर दिया था। इसके बाद सरकार गंभीर हुई और जानलेवा शराब के गोरखधंधे को जड़ से खत्म करने के लिए विशेष अभियान चलाकर कार्रवाई के निर्देश दिए गए। इसके बावजूद कुमाऊं मंडल में नशे के सौदागर नहीं रुक रहे हैं। दो साल के भीतर कुमाऊं के नैनीताल व ऊधम सिंह नगर जिले में पुलिस व आबकारी आधा दर्जन से अधिक नकली शराब की फैक्ट्री पकड़ी जा चुकी हैं। इसके अलावा तराई से लेकर पहाड़ तक पुलिस-आबकारी के अभियानों में लाखों लीटर कच्ची शराब बरामद हुई है और भट्टियां नष्ट की गईं हैं। समय-समय पर पुलिस-आबकारी के हत्थे चढ़ रही हरियाणा ब्रांड की शराब तस्करों के हरियाणा से लेकर पहाड़ तक के गठजोड़ व तस्करी के फलते-फूलते गोरखधंधे को उजागर कर रहा है।

नैनीताल के रामनगर से हल्द्वानी तक मिलीं नकली शराब की फैब्ट्री

नैनीताल जिले में होटल-ढाबों में नकली शराब परोसी जा रही है। एक साल के दरमियान रामनगर से लेकर हल्द्वानी तक आबकारी महकमा चार नकली शराब की फैक्ट्री पकड़ चुका है। हल्द्वानी आबकारी पुलिस ने इस साल माह नवंबर में मोटाहल्दू, लालकुआं के एक घर में छापा मारकर नकली शराब की फैक्ट्री का खुलासा किया था। इसके पहले वर्ष 2018 के अगस्त माह में लालकुआं के पास फैक्ट्री पकड़कर 143 लीटर तैयार नकली शराब बरामद की। वहीं रामनगर क्षेत्र में भी अक्टूबर 2018 में फैक्ट्री पकड़कर 40 लीटर तैयार नकली शराब बरामद की, जबकि नवंबर 2018 में चकलुवा, कालाढूंगी में एक घर में छापा मारकर 49 पेटी नकली देसी व दो पेटी अंग्रेजी शराब बरामद की थी। सभी फैक्ट्री से भारी मात्रा में खाली पव्वे, अध्धे, बोतलें, रेपर, लेबर, एल्कोहल्ल आदि उपकरण बरामद हुए थे। आबकारी महकमे के मुताबिक वर्ष 2017-18 में कच्ची शराब की 60 भट्टियां तोड़कर 3727 लीटर तैयार शराब बरामद की और 76600 लीटर लहन नष्ट किया। वर्ष 2018-20 में 56 भट्टियां नष्ट कर 5491 लीटर कच्ची शराब बरामद की और 152300 लीटर लहन नष्ट किया। इस साल अब तक 50 भट्टियां नष्ट कर 4020 लीटर कच्ची शराब बरामद करने के साथ 94200 लीटर लहन नष्ट की जा चुकी है। वहीं पुलिस महकमे ने वर्ष 2017 में 1341 बोतल, वर्ष 2018 में 1841 बोतल और इस साल नवंबर माह तक 4108 बोतल कच्ची शराब बरामद कर चुकी है। वहीं जिले में लगातार हरियाणा ब्रांड की शराब की खेप पुलिस व एसओजी की संयुक्त टीमें पकड़ रही हैं।

कच्ची शराब का गढ़ बना यूएस नगर

उधमसिंह नगर में कच्ची शराब का धंधा तेजी से फल फूल रहा है। यही कारण है कि कच्ची और बाहरी राज्यों से आने वाली तस्करी की शराब से युवा नशे के दलदल में धंसते जा रहे हैं। तीन साल के आंकड़ों को देखें तो ऊधमङ्क्षसह नगर में कच्ची शराब की तस्करी तेजी से बढ़ रही है। पुलिस और आबकारी विभाग ने 6649 मुकदमे दर्ज कर करीब 4898 शराब तस्करों को गिरफ्तार किया। इस साल अब तक 541 मुकदमों में 25585 लीटर देशी, विदेशी, कच्ची और बीयर बरामद की गई।

चम्पावत में तो होटल और चाय की दुकानों पर भी शराब की सप्लाई

पहाड़ पूरी तरह से नशे की गिरफ्त में आत जा रहा है। तीन सालों के आंकड़े तो यही बयां कर रहे हैं। यहां 6269 लीटर देशी, कच्ची और अंग्रेजी शराब के साथ 300 से अधिक तस्कर पकड़े गए। गांवों में होटलों और चाय की दुकानों तक में शराब आसानी से मिल जा रही है। लेकिन पुलिस और आबकारी विभाग तस्करों पर शिकंजा नहीं कस सका है। अवैध शराब का सबसे बड़़ा धंधा मैदानी क्षेत्र टनकपुर और बनबसा में चल रहा है। यहां नेपाली शराब की भी सप्लाई हो रही है।

बागेश्वर में दो साल में 78 लाख की अवैध शराब पकड़ी

जिले में नशे का बुरा हाल है। चरस, अफीम के साथ युवा शराब के भी लती हो गए हैं। इसके लिए शराब की तस्करी भी हो रही है। पिछले दो सालों में पुलिस व आबकारी विभाग ने 78 लाख रुपये से अधिक की अवैध शराब पकड़ी। इन मामलों में कुल 143 लोग गिरफ्तार भी हुए। 2013 में 31 मामले सामने आए। 2019 में यह बढ़कर 85 तक पहुंच गया। अधिकतर शराब हरियाणा, चंडीगढ़ व उप्र से आ रही है।

गांव-गांव तक कच्ची की पहुंच

पिथौरागढ़ में शराब तस्करी के मामले बढ़ते जा रहे हैं। बीते तीन वर्षों में तस्करी के 400 मामले सामने आए। इसमें आबकारी विभाग ने चार स्थानों पर कच्ची शराब बनाते हुए लोगों को पकड़ा। मुनस्यारी और पिथौरागढ़ में भी कच्ची शराब बनाने के मामले पकड़ गए। वर्ष 2018 में 1.32 करोड़ की की अवैध अंग्रेजी शराब पकड़ी गई।

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