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सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण चीन सीमा को जोड़ने वाली लिपुलेख सड़क का काम अंतिम चरण में

दिन में पांच घंटे का समय ही डामरीकरण के लिए जवानों का मिल पा रहा है। गुंंजी से नावी के बीच सड़क पर डामरीकरण हो जाने से लोगों का आदि कैलास पहुंच जाना आसान हो जाएगा। स्थानीय ग्रामीणों के साथ ही क्षेत्र में तैनात जवानों को भी फायदा मिलेगा

By Prashant MishraEdited By: Published: Mon, 29 Nov 2021 05:48 PM (IST)Updated: Mon, 29 Nov 2021 05:48 PM (IST)
सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण चीन सीमा को जोड़ने वाली लिपुलेख सड़क का काम अंतिम चरण में
प्रतिकूल मौसम के बावजूद बीआरओ के जवान 11000 फिट की ऊंचाई पर डामरीकरण के लिए डटे हुए हैं।

जागरण संवाददाता, धारचूला पिथौरागढ़ :  चीन सीमा को जोडऩे वाली तवाघाट-लिपुलेख सड़क के अंतिम हिस्से में डामरीकरण शुरू  हो गया है। प्रतिकूल मौसम के बावजूद बीआरओ के जवान 11000 फिट की ऊंचाई पर डामरीकरण के लिए डटे हुए हैं। 

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गुंजी से नावी के बीच करीब चार किलोमीटर हिस्से में डामरीकरण का कार्य शुरू  हो गया है। बीआरओ ने क्षेत्र में होने वाले भारी हिमपात से पहले सड़क पर डामरीकरण पूरा कर लेने का लक्ष्य रखा है। इसके लिए जवान जुटे हुए हैं। तीखी हवाओं के चलते मौसम प्रतिकूल बना हुआ है। दिन में पांच घंटे का समय ही डामरीकरण के लिए जवानों का मिल पा रहा है। गुंंजी से नावी के बीच सड़क पर डामरीकरण हो जाने से लोगों का आदि कैलास पहुंच जाना आसान हो जाएगा।

सड़क पर डामरीकरण हो जाने से स्थानीय ग्रामीणों के साथ ही क्षेत्र में तैनात जवानों को भी फायदा मिलेगा, भविष्य में कैलास मानसरोवर यात्रा भी सुगम हो जाएगी। सड़क पर डामरीकरण शुरू  हो जाने से सीमांत क्षेत्र की जनता में खुशी की लहर है। क्षेत्रवासियों ने बीआरओ और सरकार का आभार जताया है।


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