शिकारी को नहीं ग्रामीणों का नजर आ रहा आदमखोर
जासं हल्द्वानी हल्द्वानी से लेकर पिथौरागढ़ तक गुलदार के आबादी में आकर लोगों को मारने से अब लोग सहम चुके हैं। हल्द्वानी के फतेहपुर में गुलदार ने आठ लोगों पर हमला किया।
जासं, हल्द्वानी: हल्द्वानी से लेकर पिथौरागढ़ तक गुलदार के आबादी में आकर लोगों को मारने से अब लोग सहम चुके हैं। हल्द्वानी के फतेहपुर में गुलदार ने आठ लोगों पर हमला किया। भीमताल में तीन लोगों की जान ली और पिथौरागढ़ व बेरीनाग में चार लोगों की जिदंगी खत्म कर दी। सीमांत जिले में तीन लोग घायल भी हो गए। तीनों जगह गुलदार को आदमखोर घोषित कर शिकारी भी बुला लिए गए, मगर आदमखोर वन विभाग और शिकारी को नजर नहीं आ सके। जबकि स्थानीय लोग इनको लगातार देखे जाने का दावा कर रहे हैं। कुमाऊं के इन नरभक्षी गुलदारों के आगे वन विभाग लाचार साबित हो रहा। आतंक से दहशत
पिथौरागढ़: यहां गुलदार ने वन विभाग और शिकारियों को खूब छका रखा है। तीन जगह पिंजड़े लगाने के बाद अब गुलदार आठ किमी की रेंज पार कर चुका। हर सूचना पर पहुंच रही टीम को अब तक सफलता नहीं मिल सकी। ओखलकांडा: तीन लोगों की जान लेने वाला गुलदार दो डिवीजनों के जंगल में दहाड़ रहा है। बमुश्किल गुलदार को मारने के लिए शिकारी बुलाए गए, मगर अब तक शिकारी गुलदार की लोकेशन ट्रेस नहीं कर सके हैं। फतेहपुर: इस रेंज के तहत आने वाली आबादी में वन विभाग आदमखोर गुलदार के समक्ष सरेंडर कर चुका है। मेरठ आए शिकारी पहले ही पिथौरागढ़ पहुंच गए। जिस वजह से रेंजकर्मी आदमखोर को तलाश रहे हैं। ओखलकांडा में नर और मादा
भीमताल में पहला हमला तुषराड़ निवासी 13 वर्षीय नेहा पर हुआ था। इसके बाद ओखलकांडा ब्लाक में दो और महिलाओं की जान हमले में गई। वन विभाग के अफसरों के मुताबिक घटना वाली जगहों के आसपास मिले गुलदार के पदचिह्नों का मिलान करने पर फिलहाल यह बात सामने आई कि पहली घटना के आसपास नर व दूसरी जगह पर मादा गुलदार के पदचिह्न नजर आए हैं। बैड़ापोखरा में गाय को बनाया शिकार
ग्राम प्रधान बैड़ापोखरा भावना देवी ने बताया कि 25 अक्टूबर को गुलदार ने रोशन लाल की गाय पर हमला कर मौत के घाट उतार दिया। इससे पूर्व भी गुलदार घर तक पहुंचा था। वहीं, हाथियों ने इस इलाके में आतंक मचा रखा है। सूचना पर पहुंचे रेंजर उमेश आर्य से ग्रामीणों ने लगातार गश्त की मांग की।