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तीन लोगों की जान ले चुके आदमखोर की तलाश जारी, लोगों का डर बरकरार

पिछले पांच दिन से आदमखोर की तलाश में जुटे शिकारी और वनकर्मियों को अभी तक कोई कामयाबी नहीं मिली। सिर्फ एक घटनास्थल के पास गुलदार की फोटो कैमरा ट्रेप में कैद हुई है। वहीं कठघरिया क्षेत्र में लोग शाम होने के बाद घर से बाहर निकलने में बच रहे हैं।

By Prashant MishraEdited By: Published: Wed, 26 Jan 2022 04:38 PM (IST)Updated: Wed, 26 Jan 2022 04:38 PM (IST)
तीन लोगों की जान ले चुके आदमखोर की तलाश जारी, लोगों का डर बरकरार
आबादी किनारे लगे पिंजरों में भी गुलदार या बाघ कैद नहीं हुआ।

जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : रामनगर डिवीजन की फतेहपुर रेंज से सटे इलाकों में वन्यजीवों की दस्तक की वजह से लोगों का डर अब भी खत्म नहीं हुआ। वहीं, पिछले पांच दिन से आदमखोर की तलाश में जुटे शिकारी और वनकर्मियों को अभी तक कोई कामयाबी नहीं मिली। सिर्फ एक घटनास्थल के पास गुलदार की फोटो कैमरा ट्रेप में कैद हुई है। वहीं, कठघरिया क्षेत्र में गुलदार के रात में आबादी में देखे जाने की वजह से भी लोग शाम होने के बाद घर से बाहर निकलने में बच रहे हैं।

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नौ दिसंबर को दमुवाढूंगा निवासी युवक की नजदीकी जंगल में लाश मिली थी। उसे गुलदार ने मौत के घाट उतारा था। इसके बाद 13 जनवरी को ब्यूराखाम के टंगर निवासी नंदी सनवाल पर घास काटने के दौरान गुलदार ने हमला कर दिया था। गंभीर घायल नंदी ने मौके पर ही दम तोड़ दिया। इसके बाद 17 जनवरी को बजूनिया हल्दू निवासी नत्थू लाल पर भी जंगल में वन्यजीव ने हमला कर दिया था। तीसरी घटना वीभत्स थी। क्योंकि, मृतक के शरीर का आधा हिस्सा हमलावर जानवर ने खा दिया था।

ऐसे में अंदाजा लगाया गया कि तीसरी घटना को गुलदार ने ही बल्कि बाघ ने अंजाम दिया। एक ही रेंज में डेढ़ माह के भीतर तीन घटनाएं होने की वजह से लोगों का आक्रोश भी उफान पर था। जिसके बाद वन विभाग ने हमलावर वन्यजीव को आदमखोर घोषित कर शिकारी हरीश धामी को भी बुला लिया। अब पिछले पांच दिन से शिकारी व वनकर्मी आदमखोर को ट्रेस करने में जुटे हैं। मगर खास सफलता नहीं मिली। सिर्फ एक कैमरे में गुलदार की फोटो आई है। आबादी किनारे लगे पिंजरों में भी गुलदार या बाघ कैद नहीं हुआ।


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