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चारधाम यात्रा मामले में सरकार से पहले याचिकाकर्ता पहुंच गए सुप्रीम कोर्ट

उत्तराखंड कैबिनेट स्‍तर से पहली जुलाई से तय चारधाम यात्रा शुरू करने के फैसले पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी थी। इसके साथ प्रदेश सरकार को मंदिर में पूजा-आरती की लाइव स्ट्रीमिंग के लिए प्रबंध करने के निर्देश दिए थे। इस आदेश से सरकार व अफसरशाही में खलबली मची है।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Fri, 02 Jul 2021 10:38 AM (IST)Updated: Fri, 02 Jul 2021 10:38 AM (IST)
चारधाम यात्रा मामले में सरकार से पहले याचिकाकर्ता पहुंच गए सुप्रीम कोर्ट
चारधाम यात्रा मामले में सरकार से पहले याचिकाकर्ता पहुंच गए सुप्रीम कोर्ट

नैनीताल, जागरण संवाददाता : उत्तराखंड कैबिनेट के स्‍तर से पहली जुलाई से तय चारधाम यात्रा शुरू करने के फैसले पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी थी। इसके साथ प्रदेश सरकार को मंदिर में पूजा-आरती की लाइव स्ट्रीमिंग के लिए प्रबंध करने के निर्देश दिए थे। इस आदेश से सरकार व अफसरशाही में खलबली मची है। सरकार हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका (एसएलपी) दाखिल करने की तैयारी में है।

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सरकार के प्रवक्ता कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल इसकी पुष्टि तक कर चुके हैं, मगर सरकार अब तक इस मामले में क़ानूनी रायशुमारी कर रही है, उधर मामले में याचिकाकर्ता हाईकोर्ट के अधिवक्ता दुष्यंत मैनाली ने 29 जून को ही सुप्रीम कोर्ट में कैवियट फाइल कर दी है। दूसरे याचिकाकर्ता सच्चिदानंद डबराल की ओर से भी कैवियट फ़ाइल की गईहै। जिसके बाद अब सरकार को सुप्रीम कोर्ट में हाईकोर्ट के आदेश में शामिल सवालों, साथ ही याचिकाकर्ताओं के सवालों की काट तलाशनी होगी। यदि सुप्रीम कोर्ट ने मामले में स्थगनादेश नहीं दिया तो सरकार की किरकिरी होनी तय है।

28 जून को हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति आरएस चौहान व न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खण्ड पीठ ने पहली जुलाई से चारधाम यात्रा शुरू करने के उत्तराखंड कैबिनेट के निर्णय पर रोक लगा दी थी। कोर्ट ने चारधाम में पूजा-अर्चना का लाइव टेलीकास्ट करने के निर्देश सरकार को दिए हैं। कोर्ट ने साफ कहा कि हरिद्वार महाकुंभ में सरकार की अधूरी तैयारियों की वजह से राज्य की बदनामी हुई।

बीते दिनों अधिवक्ता दुष्यंत मैनाली, सच्चिदानंद डबराल, अनु पंत की कोविड काल में स्वास्थ्य अव्यवस्था और चारधाम यात्रा तैयारियों को लेकर दायर जनहित याचिका पर हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। सरकार की ओर चारधाम यात्रा को लेकर जारी एसओपी को शपथ पत्र के साथ पेश किया। जिसमें पुजारियों व पुरोहितों के विरोध का ज़िक्र किया गया तो कोर्ट ने कहा कि हमें धार्मिक भावनाओं का पूरा ख्याल है। इसके साथ यात्रा शुरू करने के फैसले पर रोक लगा दिया गया। वहीं फैसले के विरोध में सु्प्रीम कोर्ट जाने की तैयारी से पहले ही याचिकाकर्ता व अधिवक्ता दुष्यंत मैनाली ने कैवियट फ़ाइल कर दी है। उनका कहना है कि यदि सरकार हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देकर स्थगनादेश की मांग करेगी तो बतौर याचिकाकर्ता उनका पक्ष भी सुना जाएगा।


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