अरुणाचल प्रदेश में शहीद हुए हवलदार मुकेश कुमार का पार्थिव शरीर पहुंचा काशीपुर, श्रद्धांजलि देने उमड़े लोग
कुमाऊं रेजीमेंट के हवलदार मुकेश कुमार 13 दिसंबर को बोमडिला 5 डिपो अरुणाचल प्रदेश में शहीद हो गए थे। उनकी मौत का कारण आग लगने और उस आग में मुकेश कुमार के जल जाने को बताया जा रहा है।
जागरण संवाददाता, काशीपुर : अरुणाचल प्रदेश में शहीद हुए हवलदार मुकेश कुमार का शव बुधवार सुबह 4:00 बजे काशीपुर लाया गया। मुकेश कुमार के बड़े बेटे विशाल व अन्य परिजन चैती चौराहे पर काफी देर तक विलाप करते रहे। इसके बाद उनकी अंतिम यात्रा चैती चौराहे से उनके गांव नंदरामपुर अलूफार्म को रवाना हुई। यात्रा घर पहुंचने पर परिवार में कोहराम मच गया। कुमाऊं रेजीमेंट के हवलदार मुकेश कुमार 13 दिसंबर को बोमडिला 5 डिपो अरुणाचल प्रदेश में शहीद हो गए थे। उनकी मौत का कारण आग लगने और उस आग में मुकेश कुमार के जल जाने को बताया जा रहा है। मुकेश कुमार के घर में पत्नी नीलम देवी 18 वर्षीय बेटा विशाल व 15 वर्षीय ऋषभ है। विशाल बीए में पढ़ रहे हैं जबकि ऋषभ हाई स्कूल में है। उनके निधन पर पत्नी नीलम का रो-रो कर बुरा हाल हो रहा है। मुकेश कुमार की दो बहने बबीता ब कविता और एक भाई मुनेश है। उनके बड़े बेटे विशाल ने बताया कि उनके पिता की ड्यूटी के दौरान जलने के कारण मौत हुई है। उनके शव को गुवाहाटी के रास्ते फ्लाइट से दिल्ली लाया गया। वहां से सुबह शव काशीपुर पहुंचा है। सेना के सूबेदार जीवन चंद्रा और हवलदार मानसिंह शव के साथ आए हैं।
तड़के ही भारी संख्या में इकट्ठा हुए लोग
शव पहुंचने की सूचना के बाद बुधवार सुबह 4:00 बजे से ही लोग उनके घर पर जमा होना शुरू हो गए थे। आसपास के आधा दर्जन से ज्यादा गांव के लोग उनके घर पहुंच गए। साथ ही रिश्तेदारों का तांता लग गया। भारी संख्या में लोग उनकी अंतिम यात्रा में चैती चौराहा से शामिल होकर पैदल ही उनके गांव तक पहुंचे। इस दौरान देशभक्ति से ओतप्रोत गीत देश पर मर मिटने की प्रेरणा दे रहे थे। उनकी अंतिम यात्रा में शामिल होने वालों में एक बड़ा तबका युवाओं का था जिनमें देशभक्ति की झलक देखने को मिली। इस दौरान हवलदार मुकेश कुमार अमर रहे, भारतवर्ष अमर रहे, देश पर मर मिटने वाले वीर जवान अमर रहे के नारे लगाए गए।