हाईकोर्ट ने भीमताल व नौकुचियाताल में अवैध रूप मत्स्य आखेट पर शासन से दो सप्ताह में मांगा जवाब
कहा है कि भीमताल व नौकुचियाताल में मछलियों के शिकार करने पर रोक लगाई थी परन्तु कोरोना लॉकडाउन के दौरान दोनों तालों में स्थानीय लोगो द्वारा अवैध रूप से मत्स्य आखेट किया जा रहा। इसकी शिकायत उनके द्वारा मत्स्य विभाग से की गई परन्तु शिकायत पर कोई कार्यवाही नही हुई।
जागरण संवाददाता, नैनीताल। हाईकोर्ट ने नैनीताल जिले के भीमताल व नौकुचियाताल में अवैध रूप से किये जा रहे मत्स्य आखेट के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार से दो सप्ताह में जवाब पेश करने को कहा है। कार्यवाहक मुख्य न्यायधीश न्यायमूर्ति रवि मलिमठ व न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खण्डपीठ में भीमताल निवासी संजीव पांडे की जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। जिसमें कहा है कि भीमताल व नौकुचियाताल में मछलियों के शिकार करने पर रोक लगाई थी परन्तु कोरोना लॉकडाउन के दौरान दोनों तालों में स्थानीय लोगो द्वारा अवैध रूप से मत्स्य आखेट किया जा रहा।
इसकी शिकायत उनके द्वारा मत्स्य विभाग भीमताल से की गई परन्तु उस शिकायत पर कोई कार्यवाही नही हुई। जिसकी वजह से उच्च न्यायलय में जनहित याचिका दायर करनी पड़ी। जनहित याचिका में यह प्रार्थना की है कि दोनो तालों में अवैध रूप से हो रहे मत्स्य आखेट पर रोक लगाई जाए । याचिकर्ता का यह भी कहना है कि इन तालों में विभिन्न प्रकार की मछलियों की प्रजाति रहती है जिससे तालों का पर्यावरणीय सन्तुलन बना रहता है परन्तु इनका अवैध आखेट करने से तालों का संतुलन खतरे में पड़ गया है इसलिए इस पर रोक लगाई जाए।