Move to Jagran APP

खौलते पानी में जिंदा पैंगोलिन को डाल निकालते हैं शल्क, सुरक्षा कवच ही बनती है मौत का कारण

शर्मीले स्वभाव का पैंगोलिन खुद को जरा सा भी खतरा महसूस होने पर फुटबॉल का आकार ले लेता है। उसका बाहरी आवरण यानी शल्क इतना कठोर होता है कि हमलावर कोई नुकसान नहीं पहुंचा पाते हैं मगर इस शल्क के लालच में तस्कर उसे मौत के घाट उतार देते हैं।

By Prashant MishraEdited By: Published: Tue, 13 Apr 2021 06:33 AM (IST)Updated: Tue, 13 Apr 2021 06:33 AM (IST)
खौलते पानी में जिंदा पैंगोलिन को डाल निकालते हैं शल्क, सुरक्षा कवच ही बनती है मौत का कारण
अब तक तराई के जंगलों मेंं 15 तस्करों को पकड़ सात पैंगोलिन बरामद किए गए हैं।

जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : बेहद शर्मीले स्वभाव का पैंगोलिन खुद को जरा सा भी खतरा महसूस होने पर फुटबॉल का आकार ले लेता है। उसका बाहरी आवरण यानी शल्क इतना कठोर होता है कि हमलावर कोई नुकसान नहीं पहुंचा पाते हैं, मगर इस शल्क के लालच में तस्कर उसे दर्दनाक मौत के घाट उतार देते हैं। पकडऩे के बाद उसे जिंदा ही खौलते पानी में डाल दिया जाता है, ताकि आसानी से शल्क शरीर से अलग हो जाए।

loksabha election banner

कई शक्तिवर्धक दवाओं में इस्तेमाल, ड्रग्स बनाने व अंधविश्वास की वजह से इनका शिकार लगातार बढ़ रहा है। चीन में इसके शल्क की सबसे ज्यादा डिमांड है। विदेशों में लोग इसका मांस तक खाते हैं। सोमवार को बरामद पैंगोलिन का वजन 26 किलो था। इससे करीब आठ किलो शल्क निकलती। इधर, फॉरेस्ट अफसरों का कहना है कि तस्करों के सरगना को पकडऩे के लिए टीम बनाई जाएगी।

सवा साल में 15 तस्कर पकडे गए

आंकड़ों के मुताबिक 2020 से लेकर अब तक तराई के जंगलों मेंं 15 तस्करों को पकड़ सात पैंगोलिन बरामद किए गए हैं। तीन बार टीम जिंदा पैंगोलिन बरामद करने में कामयाब रही है। 

साल का जंगल पैंगोलिन का घर

बाघ, हाथी व गुलदार की तरह पैंगोलिन को भी शेड्यूल वन श्रेणी का वन्यजीव माना जाता है। वज्रशल्क, सल्लू सांप, सालरगोड़ा, चींटीखोर नामों से इसे जाना जाता है। साल के जंगल इसे ज्यादा पसंद आते हैं। क्योंकि, वहां इसे अपना प्रिय भोजन दीमक व चींटी आदि खाने को मिल जाते हैं।

Uttarakhand Flood Disaster: चमोली हादसे से संबंधित सभी सामग्री पढ़ने के लिए क्लिक करें


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.