अपनी धरा के संरक्षण को सामूहिक प्रयास आवश्यक
पृथ्वी के वायुमंडल जल मंडल और जीवन मंडल को आधुनिक विनाशकारी व उपभोगवादी सभ्यता बुरी तरह प्रभावित हैँ।
जासं, पिथौरागढ़: पृथ्वी के वायुमंडल, जल मंडल और जीवन मंडल को आधुनिक विनाशकारी व उपभोगवादी सभ्यता बुरी तरह प्रभावित कर रही है। अपनी धरा को बचाने के लिए सभी को सामूहिक रू प से प्रयास करने होंगे। जब धरा रहेगी तभी जीवन संभव है।
यह बात सोर वैली सीनियर सेकेंड्री विद्यालय में पृथ्वी दिवस पर आयोजित गोष्ठी में सामाजिक चिंतक डॉ. तारा सिंह ने कही। विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि पूंजीवादी व्यवस्था ने उपभोग की प्रवृति को बढ़ाया है जिससे प्राकृतिक संसाधनों का आवश्यकता से अधिक दोहन हो रहा है, फलरूवरूप पृथ्वी को खतरा हो रहा है। वर्तमान भौतिक प्रगति विनाश के बीज भी साथ -साथ बो रही है।
इस अवसर पर उन्होंने कहा कि सिनेटर गेलार्ड नेलसन ने पृथ्वी पर मंडराते खतरे को देखा और वर्ष 1970 से पृथ्वी दिवस मनाने की परंपरा डाली। आज दुनिया के 193 देश पृथ्वी दिवस मना रहे हैं। उन्होंने राजस्थान के थार मरु स्थल का हवाला देते हुए कहा कि जोधपुर की माता अमरता देवी ने 1730 में ही धरा के लिए वृक्ष आवश्यक बताए थे। वृक्षों को बचाने के लिए अपना बलिदान दिया। यही कारण है कि राजस्थान में आज उन्हें देवी की तरह सम्मान दिया जाता है।
विद्यालय की प्रधानाचार्या लीला जोशी ने बच्चों को पृथ्वी दिवस की महत्ता के बारे में बताया। इस मौके पर ललित पाटनी, दीपक बिष्ट, सुंदर सिंह मनौला, सीमा जोशी, लक्ष्मी भट्ट, सुचित्रा भंडारी, मंजू रजवार, सरिता दिगारी, कुशल सामंत आदि उपस्थित थे। इसके अलावा विभिन्न विद्यालयों में पृथ्वी दिवस पर विविध कार्यक्रमों का आयोजन कर धरा को बचाने का संकल्प लिया गया। पृथ्वी दिवस पर हुआ पौधरोपण
पृथ्वी दिवस पर पर्यटक आवास गृह के निकट स्थित मां उल्का देवी यात्री वाटिका में केएमवीएन के प्रबंधक एवं पर्यावरण प्रेमी दिनेश गुरु रानी की पहल एक पौधा धरती मां के नाम अभियान के तहत पौधरोपण किया गया। इस मौके पर उत्तराखंड मुक्त विवि के योग प्रशिक्षकों ने वृहद पौधरोपण किया। इस मौके पर पौधरोपण करने वालों में दीक्षित पांडेय, दिनेश जोशी, धनन्जय जोशी, काजल जोशी, दीप्ति पांडेय, सोनालिका भट्ट, भावना शर्मा, ममता मेलकानी, ललिता, हर सिंह, गणेश नगरकोटी, राजेंद्र सिंह, मुकेश कन्याल सहित अन्य निगम कर्मी शामिल थे।