Resignation of Tirath Singh Rawat : चिंतन बैठक में बन गया था सीएम के इस्तीफे का माहौल, तीरथ की असहज भाव-भंगिमाएं कर रही थी इशारा
Resignation of Tirath Singh Rawat रामनगर में 27 से 29 जून तक भाजपा की चिंतन बैठक हुई। वहां पर सीएम के उपचुनाव को लेकर चर्चा होने के कयास थे लेकिन बैठक के समाप्त होने के बाद सीएम के बदलने की चर्चा दबी जुबान होने लगी।
जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : Resignation of Tirath Singh Rawat : उत्तराखंड में राजनीति में मुख्यमंत्री पद को लेकर 115 दिन में ही भूचाल आ जाएगा, ऐसा किसी ने सोचा भी नहीं होगा। जैसे-तैसे तीरथ सिंह रावत के उपचुनाव लडऩे की चर्चा होने लगी, वहीं विपक्षी दल भी संवैधानिक संकट का हवाला देने लगे। राज्य में सियासी चर्चा चरम पर पहुंच गई। इस बीच रामनगर में 27 से 29 जून तक भाजपा की चिंतन बैठक हुई। वहां पर सीएम के उपचुनाव को लेकर चर्चा होने के कयास थे, लेकिन बैठक के समाप्त होने के बाद सीएम के बदलने की चर्चा दबी जुबान होने लगी। हालांकि, अनुशासित कही जाने वाली पार्टी के किसी भी सदस्य ने खुलकर इस पर चर्चा नहीं की।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ने चिंतन बैठक की ब्रीफिंग की तो उनके सामने भी सीएम पद के उपचुनाव को लेकर सवाल पूछा गया। तब भी किसी तरह का स्पष्ट जवाब नहीं दिया गया और न ही किसी तरह संकेत मिला। कौशिक के इस गोलमोल जवाब से भी संशय बढ़ गया था। इस बीच कई कार्यकर्ता दबी जुबान से सीएम के बदलने की चर्चा करते हुए नजर आए थे। इस बैठक के तुरंत बाद दिल्ली जाना और इस्तीफे की चर्चा होना। इससे स्पष्ट हो रहा है कि कहीं चिंतन बैठक में ही इस्तीफे की पूरा पटकथा तो नहीं लिख दी गई थी।
एक और बात, सीएम रहते हुए तीरथ कहां से चुनाव लड़ेंगे और कब लड़ेंगे? उनके उपचुनाव को लेकर किसी भी शीर्ष नेता चर्चा ने नहीं की। जबकि, बैठक में राज्य के शीर्ष नेतृत्व से लेकर राष्ट्रीय स्तर के पदाधिकारी भी मौजूद थे। इस तरह की असमंजस की स्थिति पर भी उनके भविष्य को लेकर कयास लगाए जाने लगे थे। वैसे, तीरथ सरल व सहज प्रवृत्ति के हैं। फिर भी चिंतन बैठक के बाद जब वह बाहर निकले, तो असहज ही नजर आए। वहां पर उन्होंने पत्रकारों से खुलकर बात भी नहीं की।