आंदोलनकारियों पर लाठीचार्ज से भड़की भाकियू, बिंदुखत्ता में फूंका सीएम का पुतला
भाकपा माले एरिया सचिव ललित मटियाली ने कहा कि आजादी के 75 साल बाद भी अगर सड़क के लिए आंदोलन कर रहे लोगों पर लाठीचार्ज हो तो इससे ज्यादा शर्म की बात कोई और नहीं होगी। विकास का ढोल पीटने वाली भाजपा की सरकार के लिए बहुत ही शर्मनाक है।
जागरण संवाददाता, बिन्दुखत्ता : गैरसैंण में सड़क चौड़ीकरण की मांग कर रहे आंदोलनकारियों पर हुए लाठीचार्ज के विरोध में भाकपा माले ने आज कार रोड बाजार में भाजपा की त्रिवेंद्र रावत सरकार का पुतला फूंका।
इस दौरान भाकपा माले एरिया सचिव ललित मटियाली ने कहा कि आजादी के 75 साल बाद भी अगर सड़क के लिए आंदोलन कर रहे लोगों पर लाठीचार्ज हो तो इससे ज्यादा शर्म की बात कोई और नहीं होगी।
विकास का ढोल पीटने वाली भाजपा की त्रिवेंद्र रावत सरकार के लिए बहुत ही शर्मनाक है। होना तो यह चाहिए कि व्यापक जनता की इस मांग को एक ज्ञापन से ही शासन प्रशासन ने मान लेना चाहिए। लेकिन हफ्तों से सड़क चौड़ीकरण की मांग पर जनता धरने पर बैठी हुई है और जब इस गूंगी बहरी सरकार से बात करने के लिए अस्थाई राजधानी गैरसैण की ओर आंदोलनकारी रुख करते हैं तो पुलिस उन पर बुरी तरह से लाठी चार्ज करती है । आंदोलन में शामिल महिलाओं को जिस तरह से पुलिस ने पीटा है उसे देखकर मुजफ्फरनगर कांड की याद आ जाती है। उत्तराखंड जैसे नए राज्य में भाजपा शासन काल में इस तरह की घटना बेहद शर्मनाक है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत इसके लिए सीधे तौर पर जिम्मेदार हैं।
ललित मटियाली ने कहा कि आंदोलन का नेतृत्व कर रहे भाकपा (माले) के गढ़वाल सचिव इंद्रेश मैखुरी को भी चोटें आई हैं, महिलाओं पर भी बुरी तरह से लाठीचार्ज होने से कई महिलाएं घायल हुई हैं। भाकपा(माले) चाहती है कि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत तुरंत आंदोलनकारियों की मांग मानते हुए लाठीचार्ज के लिए माफी मांगे और लाठीचार्ज का आदेश देने वाले अधिकारियों को बर्खास्त करें। यदि मुख्यमंत्री ऐसा नही कर सकते तो वे अपने पद से इस्तीफा दे दें। पुतला फूंकने वालों में पुष्कर दुबड़िया, त्रिलोक राम, विमला रौथाण, नैन सिंह कोरंगा,धीरज कुमार, शिव सिंह, कमल जोशी, निर्मला शाही, हरीश भण्डारी आदि कार्यकर्ता थे।
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