भारी बर्फबारी के कारण पांच घंटे बंद रहा थल-मुनस्यारी मार्ग, चोटियों पर हिमपात जारी
जिलेभर में बारिश और ऊंचाई वाले क्षेत्रों में भारी हिमपात से सीमांत में ठिठुरन बढ़ चुकी है। तीसरे दिन दोपहर बाद हल्की धूप खिलने से जनपदवासियों को राहत मिली है परंतु उच्च हिमालय में अभी भी मौसम खराब है। उच्च हिमालय में हिमपात जारी है।
पिथौरागढ़, जागरण संवाददाता : जिलेभर में बारिश और ऊंचाई वाले क्षेत्रों में भारी हिमपात से सीमांत में ठिठुरन बढ़ चुकी है। तीसरे दिन दोपहर बाद हल्की धूप खिलने से जनपदवासियों को राहत मिली है, परंतु उच्च हिमालय में अभी भी मौसम खराब है। उच्च हिमालय में हिमपात जारी है। थल-मुनस्यारी मार्ग पर कालामुनि से पातलथौड़ तक हिमपात के चलते मार्ग पांच घंटे बंद रहा। मार्ग से बर्फ हटाने के बाद फंसे वाहन निकले।
शनिवार दिन और रात को पूरे जिले में मौसम खराब रहा। जहां दिन में हल्की बारिश होती रही वहीं रात भर आसमान बरसता रहा। बारिश से जहां काश्तकारों के चेहरे खिले हैं वहीं ठंड बढऩे से जनजीवन भी प्रभावित है। इस दौरान उच्च हिमालय से लेकर उच्च मध्य हिमालयी भू भाग में जमकर बर्फबारी होती रही। मुनस्यारी के नया बस्ती, पातलथौड़ से खलिया तक बर्फबारी हुई। इस दौरान मुनस्यारी पहुंंचे पर्यटकों ने बर्फबारी का आनंद उठाया। बर्फबारी देखने देश के मैदानी क्षेत्रों से आए पर्यटक खुश नजर आए।
बर्फबारी से रविवार को थल -मुनस्यारी मार्ग पांच घंटे बंद रहा। लोनिवि द्वारा मार्ग से बर्फ हटाए जाने के बाद वाहनों का संचालन हुआ। मुनस्यारी में न्यूनतम तापमान माइनस तीन और अधिकतम नौ डिग्री रहा। धारचूला के दारमा, व्यास और चौदास घाटियों में हिमपात हुआ है। चौदास की ऊंची चोटियों पर हिमपात होने से पूरी चौदास घाटी कड़ाके की ठंड की चपेट में है। व्यास में कैलास मानसरोवर यात्रा मार्ग बर्फ से ढक चुका है।
शनिवार को पिथौरागढ़ में नौ एमएम, गंगोलीहाट में 11.30, बेरीनाग में दस, डीडीहाट में 17, मुनस्यारी में चार, धारचूला में 3.2 एमएम बारिश हुई है। बीते दस दिनों के बीच दूसरी बार शीतकालीन बारिश होने से काश्तकार खुश हैं। रबी की फसल और ग्रीष्मकालीन फलों के लिए बारिश को काफी अच्छा माना जा रहा है।