चरस तस्करी के दो अभिुक्तों को दस-दस साल कठोर कारावास, एक-एक लाख का जुर्माना भी लगाया
प्रथम अपर जिला जज व विशेष न्यायाधीश एनडीपीएस एक्ट राकेश कुमार सिंह की कोर्ट ने दो किलो से अधिक चरस के साथ पकड़े गए दो अभियुक्तों को एनडीपीएस एक्ट के तहत दोषी करार देते हुए दस-दस साल का कठोर कारावास व एक-एक लाख जुर्माने की सजा सुनाई है।
जागरण संवाददाता, नैनीताल : प्रथम अपर जिला जज व विशेष न्यायाधीश एनडीपीएस एक्ट राकेश कुमार सिंह की कोर्ट ने दो किलो से अधिक चरस के साथ पकड़े गए दो अभियुक्तों को एनडीपीएस एक्ट के तहत दोषी करार देते हुए दस-दस साल का कठोर कारावास व एक-एक लाख जुर्माने की सजा सुनाई है। दोषी करार देने के बाद दोनों को कोर्ट के आदेश पर जेल भेज दिया गया।
अभियोजन के अनुसार 14 नवंबर 2014 को एसआइ देवेंद्र बिष्ट, एसएसआइ नंदाबल्लभ, सिपाही सुरेंद्र सामंत व पूरन नाथ सरकारी वाहन में गश्त पर थे। हल्द्वानी तिकोनिया चौराहे में बरसाती नहर वाले रोड पर पहुंचे तो मुखबिर ने बताया कि दो व्यक्ति गोलचा कंपाउंड रेलवे फाटक हल्द्वानी के पास बाइक में चरस बेचने की फिराक में खड़े हैं। सूचना पर पुलिस टीम ने घेराबंदी करते हुए बाइक सवार दोनों को पकड़ लिया।
पूछताछ में एक ने अपना नाम मोहन सिंह बसेड़ा निवासी किलपारा, पट्टी क्षेत्र तहसील कपकोट, जिला बागेश्वर, हाल पता शांतिनगर बिंदुखत्ता व दूसरे ने वीरेंद्र दानू निवासी हिमनी, थाना थराली, जिला चमोली, हाल ग्राम खैरानी बिंदुखत्ता बताया। एनडीपीएस एक्ट के प्रावधानों के अनुसार सीओ मौके पर पहुंचे और तलाशी ली तो मोहन के पास 1125 ग्राम जबकि वीरेंद्र के पास 1034 ग्राम चरस बरामद की गई। एनडीपीएस के तहत मुकदमा दर्ज करते हुए उनकी बाइक भी सीज कर ली गई।
डीजीसी फौजदारी सुशील शर्मा व एडीजीसी पूजा साह द्वारा आरोप साबित करने को कुल दस गवाह पेश किए, बचाव पक्ष की ओर से भी गवाह पेश किए गए। कोर्ट अपने फैसले में माना कि स्वापक औषधि एवं मनोत्तेजक पदार्थ के दुष्परिणाम सर्वविदित हैं। जिसके दुष्परिणाम से परिवार, समाज व राष्टï्र की अर्थव्यवस्था में होने वाले दुष्प्रभाव को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। दुष्प्रभाव का आंकलन भी नहीं किया जा सकता। कोर्ट ने अभिुयक्तों से बरामद चरस की खेप को ध्यान मेें रखते हुए दोषी करार दिया।