गौलापार में बंदरों का आतंक रोकने के लिए मथुरा से बुलाई जाएगी टीम
गौलापार में 40 हेक्टेयर क्षेत्र में प्रदेश का सबसे बड़ा बंदरबाड़ा बनाने की प्लानिंग थी वहां के लोग इन दिनों बंदरों के आतंक से परेशान हैं। काश्तकार की मेहनत को बंदरों द्वारा उजाड़ दिया जा रहा है। इसके अलावा घरों के अंदर घुस बच्चों तक पर हमले हो रहे हैं।
हल्द्वानी, जागरण संवाददाता : जिस गौलापार में 40 हेक्टेयर क्षेत्र में प्रदेश का सबसे बड़ा बंदरबाड़ा बनाने की प्लानिंग थी, वहां के लोग इन दिनों बंदरों के आतंक से परेशान हैं। काश्तकार की मेहनत को बंदरों द्वारा उजाड़ दिया जा रहा है। इसके अलावा घरों के अंदर घुस बच्चों तक पर हमले हो रहे हैं। ग्रामीणों द्वारा डीएफओ के समक्ष इस मामले को रखने पर मथुरा से बंदर पकडऩे वाली टीम को बुलाया गया है। पांच बंदर अब तक पकड़े जा चुके हैं। लगातार ग्रामीण क्षेत्रों में यह अभियान चलना है। उसके बाद शहरी क्षेत्र के लोगों को भी इस आतंक से निजात दिलाया जाएगा।
गौलापार कृषि क्षेत्र है। काठगोदाम से लेकर चोरगलिया तक की आबादी अलग-अलग रेंजों के जंगल से सटी हुई है। पिछले एक महीने से यहां बंदरों ने आतंक मचा रखा था। शुरूआत में फसल के लालच में आए बंदरों ने अब आबादी में अपना ठिकाना बना लिया है। झुंड के झुंड घरों के आसपास नजर आ रहे हैं। वहीं, रेंजर गौला आरपी जोशी ने बताया कि मथुरा मेें बंदर पकडऩे के एक्सपर्ट मिलते हैं। हिमाचल प्रदेश में भी यहीं टीम वन विभाग की मदद के लिए पहुंचती है। फिलहाल मथुरा से पांच लोगों को बुलाया गया है। पहले दिन शाम के वक्त पांच बंदरों को काबू कर पिंजरे में डाला गया। आज सुबह से दोबारा अभियान शुरू हो जाएगा। पूरा प्रयास है कि ग्रामीण क्षेत्रों में बंदरों का आतंक कम किया जाए।
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