दस्तावेज लेने एचएमटी गई टीम खाली हाथ लौटी
रानीबाग स्थित एचएमटी घड़ी फैक्ट्री के 146 कर्मचारियों के पीएफ के दस्तावेज लेने फैक्ट्री पहुंची ईपीएफओ की टीम
जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : रानीबाग स्थित एचएमटी घड़ी फैक्ट्री के 146 कर्मचारियों के प्रोविडेंट फंड (पीएफ) के मामले में दस्तावेज लेने फैक्ट्री पहुंची ईपीएफओ की टीम को सोमवार को खाली हाथ वापस लौटना पड़ा। फैक्ट्री प्रबंधन से जुड़े कोई लोग नहीं मिलने व गेट पर ताला लगा होने से टीम बिना कागजात के लौट आई।
एचएमटी कामगार संघ ने नवंबर 2016 से 22 मार्च 2019 के बीच का पीएफ भुगतान व कैंटीन भत्ते पर पीएफ न काटने के मामले में कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के हल्द्वानी स्थित क्षेत्रीय कार्यालय में अपील दायर की थी। ईपीएफओ कमिश्नर आशीष कुमार मामले की सुनवाई कर रहे हैं। दो दौर की बैठक होने के बाद भी फैक्ट्री प्रबंधन की ओर से कर्मचारियों के वेतन, पीएफ से संबंधित दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किए गए। 26 मार्च को हुई त्रिपक्षीय सुनवाई के बाद कमिश्नर ने तीन सदस्यीय कमेटी गठित करते हुए एचएमटी फैक्ट्री जाकर पीएफ से जुड़े दस्तावेज हासिल करने के निर्देश दिए थे।
ईपीएफओ इंस्पेक्टर बीसी सुयाल, विक्रम आदित्य सिंह बोरा व सुनील बब्बर सोमवार को एचएमटी पहुंचे। फैक्ट्री में ताला लटका मिला होने से कर्मचारियों को लौटना पड़ा। सुयाल ने बताया कि स्थानीय प्रबंधन से जुड़े अधिकारी से मोबाइल पर बात करने पर यूनिट चीफ के फैक्ट्री बंद कर बेंगलुरू जाने की बात कही गई। अब ईपीएफओ आगे की रणनीति बनाएगा।
कर्मचारी आशंकित, कमिश्नर को भेजा ज्ञापन
फैक्ट्री प्रबंधन के गायब होने से कर्मचारी आशंकित हैं। ईपीएफओ कमिश्नर आशीष कुमार के नाम संबोधित ज्ञापन में एचएमटी कर्मचारी संघ ने कहा है कि 27 व 28 अप्रैल को फैक्ट्री प्रबंधन के लोग फैक्ट्री में मौजूद थे। वह दस्तावेजों से छेड़छाड़ कर सकते हैं। ऐसी परिस्थिति में सर्च एंड सीजर की कार्रवाई जरूरी है। ज्ञापन में संघ अध्यक्ष भगवान सिंह, महामंत्री मुकेश तिवारी के हस्ताक्षर हैं।
मशीनों की नीलामी के लिए टेंडर मांगे
पिछले माह 22 मार्च को फैक्ट्री बंद कर चुकी एचएमटी वॉचेज लिमिटेड ने मशीनों व उपकरणों आदि की नीलामी के लिए टेंडर आमंत्रित किए हैं। इससे भी कर्मचारियों की चिंता बढ़ गई है।
हमारी टीम दस्तावेज लेने के लिए एचएमटी फैक्ट्री गई थी, लेकिन वहां कोई नहीं मिला। फैक्ट्री प्रबंधन को नोटिस भेजकर रिकॉर्ड मांगे जाएंगे। इसके बाद भी दस्तावेज नहीं दिए तो फैक्ट्री सीज करनी की कार्रवाई होगी।