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स्कूल आकर बच्चों को आनलाइन पढ़ाने के आदेश पर शिक्षक संघ ने जताई नाराजगी

स्कूल खुले हैं और शिक्षक भी उपस्थित हैं। बच्चे घर पर हैं। ऐसे में कुछ शिक्षकों को यह आदेश अटपटा लग रहा है। वह भी घर से आनलाइन के लिए तैयार हैं। शासन के निर्देश हैं कि विद्यालय का भौतिक रूप से संचालन नहीं किया जाएगा।

By Prashant MishraEdited By: Published: Wed, 19 Jan 2022 04:27 PM (IST)Updated: Wed, 19 Jan 2022 04:27 PM (IST)
स्कूल आकर बच्चों को आनलाइन पढ़ाने के आदेश पर शिक्षक संघ ने जताई नाराजगी
कक्षा एक से 12 तक के सभी शिक्षकों से विद्यालय में जाकर आनलाइन पढ़ाने को कहा है।

जागरण संवाददाता, बागेश्वर : प्राथमिक से माध्यमिक विद्यालयों में आनलाइन पढ़ाई करने के आदेश हैं। स्कूल खुले हैं और शिक्षक भी उपस्थित हैं। बच्चे घर पर हैं। ऐसे में कुछ शिक्षकों को यह आदेश अटपटा लग रहा है। वह भी घर से आनलाइन के लिए तैयार हैं। लेकिन सीईओ के आदेश ने उन्हें असमंजस में डाल दिया है। शासन के निर्देश हैं कि विद्यालय का भौतिक रूप से संचालन नहीं किया जाएगा। आनलाइन पढ़ाई भी होगी। मुख्य शिक्षाधिकारी ने आनलाइन शिक्षण के लिए नए निर्देश जारी किए हैं। कक्षा एक से 12 तक के सभी शिक्षकों से विद्यालय में जाकर आनलाइन पढ़ाने को कहा है। रोजाना बारी-बारी से तीन-चार बच्चों को विद्यालय बुलाकर वर्कशीट कार्य कराने के भी  निर्देश हैं। 

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सीईओ के इस फैसले को कई शिक्षक अव्यवहारिक बता रहे हैं। उन्होंने लिखित आदेश जारी न करने को जिम्मेदारी लेने से बचने का उपाय बताया है। जो मैसेज के रूप मे भेजा गया है। जिसमें किसी जिले ब्लाक या अधिकारी तक का नाम नहीं लिखा गया है। 

संकुल बैठक में यह हुआ तय 

संकुल प्रभारियों की बैठक में तय हुआ कि संक्रमण के कारण बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। सभी शिक्षकों को आनलाइन पढ़ाना है। शिक्षक रोजाना विद्यालय समय पर सुबह 10 बजे से शाम साढ़े तीन बजे तक मौजूद रहेंगे। यह निर्देश शिक्षक संगठनों के सभी इंटरनेट व्हाट्सएप ग्रुपों में भी प्रसारित किया गया है।

राजकीय शिक्षक संघ के मंडलीय अध्यक्ष विजय गोस्वामी ने बताया कि जिले के अधिकतर विद्यालय संचार विहीन क्षेत्र में हैं। ऐसे स्कूलों में आनलाइन शिक्षण मुश्किल होगा। वहीं कोविड संक्रमण के कारण विद्यालयों को बंद किया गया है। सभी शिक्षकों के विद्यालय जाने से संक्रमण का खतरा हो सकता है। ऐसे में बच्चों को बुलाना उचित नहीं होगा। 

शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष रमेश रावत ने बताया कि मुख्य शिक्षाधिकारी को व्यवहारिक तौर पर लिखित आदेश देना चाहिए था। तीन-चार बच्चों को विद्यालय बुलाने से संक्रमण का खतरा बना रहेगा। अगर बच्चे या शिक्षक संक्रमित हुए तो इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा। लिखित आदेश न होने से बच्चों के संक्रमित होने पर भी शिक्षकों की परेशानी बढ़ सकती है।

प्राथमिक स्कूल शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष विक्रम सिंह ने बताया कि शिक्षक को अपनी ड्यूटी करनी है। वह विद्यालय से आनलाइन शिक्षण करें या घर से इससे कोई फर्क नहीं पड़ेगा। हालांकि बढ़ते संक्रमण के बीच बच्चों को स्कूल बुलाना सही नहीं होगा। बच्चों को विद्यालय बुलाने की बजाय वर्कशीट घर पर उपलब्ध कराना सही होगा।

सीईओ गजेंद्र सिंह चौहान का कहना है कि शासन से जो आदेश उन्हें मिले हैं। उसी आदेश को अधिकारियों को व्हाट्सएप के माध्मय से दिया गया है। इसमें अलग से जिला स्तर पर आदेश जारी करने नहीं किया है। जैसे-जैसे शासन से आदेश मिलेंगे उसका पालन जिले में कराया जाएगा।


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