छूट के बाद भी नैनीताल में टैक्सी कारोबार ठंडा पड़ा, आर्थिक संकट झेल रहे संचालक
नैनीताल में पर्यटन कारोबार के लिए छूट मिलने के बाद भी टैक्सी कारोबार घाटे का सौदा बना हुआ है। आलम यह है कि टैक्सी संचालकों के सामने आजीविका का संकट बना हुआ है। अब वह दूसरे धंधे अपनाने के लिए सोचने को मजबूर हो रहे हैं।
नैनीताल, जेएनएन : नैनीताल में पर्यटन कारोबार के लिए छूट मिलने के बाद भी टैक्सी कारोबार घाटे का सौदा बना हुआ है। आलम यह है कि टैक्सी संचालकों के सामने आजीविका का संकट बना हुआ है। अब वह दूसरे धंधे अपनाने के लिए सोचने को मजबूर हो रहे हैं। शहर में सात सौ से अधिक टैक्सी संचालक हैं। उनकी आय का जरिया पर्यटकों को लेक टूर और कुमाऊं के दर्शनीय स्थलों की सैर कराना है।
कोरोना अनलॉक की गाइडलाइन के बाद सरकार ने छूट दी तो अन्य पर्यटन गतिविधि धीरे धीरे पटरी पर आ रहा है, मगर टैक्सी कारोबार फिलहाल ठंडा पड़ा है। जो भी पर्यटक आ रहे हैं, वह निजी वाहन से आ रहे हैं या संक्रमण के डर से लेक टूर जाने से बच रहे हैं। टैक्सी कारोबारी लेक टूर में नैनीताल के साथ सातताल, भीमताल, कमलताल, हनुमानगढ़, नौकुचियाताल तक घुमाते हैं। इसका किराया एक एक हजार रुपए है जबकि नैनीताल दर्शन का 800 से 850 रुपये है। सरकार ने छूट तो दे दी मगर गाइडलाइंस के अनुपालन मसलन मास्क नहीं पहनने व अन्य सावधानी नहीं बरतने पर पुलिस चालान हो रहे हैं।
टैक्सी यूनियन अध्यक्ष नीरज जोशी का कहना है कि टैक्सी कारोबार अब तक गति नहीं पकड़ पाया है। उन्होंने कहा कि टैक्सी में बैठा पर्यटक यदि मास्क नहीं पहन रहा या अन्य सावधानी नहीं बरत रहा तो पुलिस चालक का चालान काट रही है। पुलिस की सख्ती की वजह से पर्यटक बाजार या बेहद नजदीक पर्यटन स्थलों तक पैदल ही जा रहे हैं। सरकार ने छूट देने के साथ ही करों की वसूली में भी सख्ती कर दी है। ऐसे में टेक्सी संचालकों के समक्ष विकट स्थिति पैदा हो गई है।