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All Weather Road को 2019 तक तैयार करने का था लक्ष्य, 2021 में भी निर्माण काम अधूरा

सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण टनकपुर-पिथौरागढ़ हाईवे (एनएच-9) यानी आलवेदर रोड 2019 में तैयार करने का लक्ष्य था। बावजूद इसके कार्य भले ही अंतिम चरण में हो लेकिन गुणवत्ता व मानकों के विरुद्ध काम को लेकर उठे सवालों की जांच अभी फाइल में ही बंद है।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Mon, 13 Sep 2021 10:02 AM (IST)Updated: Mon, 13 Sep 2021 10:02 AM (IST)
All Weather Road को 2019 तक तैयार करने का था लक्ष्य, 2021 में भी निर्माण काम अधूरा
All Weather Road को 2019 तक तैयार करने का था लक्ष्य, 2021 में भी निर्माण काम अधूरा

संवाद सहयोगी, चम्पावत : सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण टनकपुर-पिथौरागढ़ हाईवे (एनएच-9) यानी आलवेदर रोड 2019 में तैयार करने का लक्ष्य था। बावजूद इसके कार्य भले ही अंतिम चरण में हो, लेकिन गुणवत्ता व मानकों के विरुद्ध काम को लेकर उठे सवालों की जांच अभी फाइल में ही बंद है। पुल निर्माण में देरी के चलते भी दो साल वाला काम चार साल में भी अधूरा ही है।

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टनकपुर से पिथौरागढ़ तक 150 किमी लंबी आलवेदर रोड 1100 करोड़ की लागत तैयार की जा रही है। चार पैकेज में तीन कंपनियां इस काम में लगी है, लेकिन कभी कार्य की धीमी रफ्तार तो कभी कोरोना और बारिश के कारण लक्ष्य पूरा नहीं हो सका है। आलवेदर रोड चौड़ीकरण का कार्य नवंबर 2017 में शुरू हुआ था और नवंबर 2019 में पूरा करने का लक्ष्य था। एनएच के एई विवेक सक्सेना के मुताबिक विलंब का कारण मानसून के साथ कोविड महामारी रही। फेज दो से चार तक का कार्य कंपलीट को गया है। फेज एक में चल्थी पुल का निर्माण होना है। इस साल के अंत तक पुल तैयार हो जाएगा।

भाजपाइयों ने ही उठाए सवाल तो हुई जांच

चौड़ीकरण के लिए पहाड़ कटिंग की गुणवत्ता को लेकर कई बार सवाल उठे हैं। कंपनियों पर नियम विरूद्ध ब्लास्टिंग करने के आरोप भी लगाए गए हैं। तीन माह पूर्व चम्पावत दौरे पर पहुंचे तत्कालीन मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के निर्देश के बाद जांच टीम का गठन किया था। टीम ने मामले की जांच कर रिपोर्ट जिलाधिकारी को भेज दी है। यह जांच रिपोर्ट अभी खुलनी है।

अभी भी पुराने पुल का हो रहा उपयोग

जिला मुख्यालय से 40 किलोमीटर दूर टनकपुर-पिथौरागढ़ हाईवे पर स्थित चल्थी पुल अर्से से पहाड़ और मैदान की लाइफ लाइन बना हुआ है। आलवेदर रोड के लिहाज से प्रस्तावित नया पुल नहीं बनने से अभी भी इसी पुल से वाहनों की आवाजाही हो रही है, लेकिन संकरा होने से इस पुल पर दो वाहन एक साथ नहीं गुजर सकते। इस पुल का निर्माण 1956 में किया गया था। 15 साल पहले चल्थी पुल के समीप स्वीकृत 144 मीटर लंबा पुल विवादों में घिरने के कारण नहीं बन पाया था।

चार कंपनियां कर रही काम

टनकपुर से पिथौगढ़ तक रोड चौड़ीकरण का कार्य तीन कंपनियों द्वारा चार फेज में किया जा रहा है। आरजी विल्डवेल इंजीनियर्स लिमिटेड पहले फेज में टनकपुर से बेलखेत और दूसरे फेज में चम्पावत से घाट तक का कार्य कर रही है। जबकि शिवालय कंस्ट्रक्शन कंपनी बेलखेत से चम्पावत तक और जीएनडीसी घाट से पिथौरागढ़ तक का कार्य करवा रही है। एनएच के एई विवेक सक्सेना ने बताया कि आलवेदर रोड चौड़ीकरण का कार्य करीब 95 फीसद हो चुका है। फेज एक में चल्थी पुल का निर्माण कार्य चल रहा है। साल के अंत तक 150 किमी की रोड तैयार कर दी जाएगी।


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