National Adventure Sports Competition : राष्ट्रीय प्रतियोगिता में गोल्डन गर्ल पूजा भी दिखा रहीं दम, नेशनल में अब तक 17 स्वर्ण किया है अपने नाम
जागरण से विशेष बातचीत में उन्होंने कहा कि कयाकिंग और कैनोइंग प्रतिस्पर्धा के लिए साहस और एक खास तरह का जुनून होना चाहिए। स्वास्थ्य के लिए बेहतर और रोमांचक इससे बेहतर कोई और खेल नहीं हो सकता। ऐसी प्रतियोगिताओं के आयोजन से स्थानीय प्रतिभाओं को उभरने का मौका मिलेगा।
रुद्रपुर, बृजेश पांडेय : कयाकिंग एवं कैनोइंग में पहली बार भारत को ब्रांज मेडल दिलाने वाली अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी पूजा उर्फ गोल्डन गर्ल भी गुलरभोज में आयोजित राष्ट्रीय साहसिक खेल प्रतियोगिता में शिरकत कर रही हैं। जागरण से विशेष बातचीत में उन्होंने कहा कि कयाकिंग और कैनोइंग प्रतिस्पर्धा के लिए साहस और एक खास तरह का जुनून होना चाहिए। स्वास्थ्य के लिए बेहतर और रोमांचक इससे बेहतर कोई और खेल नहीं हो सकता। प्रदेश स्तर पर प्रतियोगिताओं के आयोजन से स्थानीय प्रतिभाओं को उभरने का मौका मिलेगा।
आठ वर्ष की आयु में तैराकी सीखने के बाद कयाकिंग व कैनोइंग की ओर रुझान करने वाली हरिद्वार निवासी पूजा सिंह ने बताया कि पिता तेजपाल सरकारी विभाग में सेवारत थे। मां सुमित्रा गृहणी हैं। पिता ने खुद से लक्ष्य चुनने की आजादी दी तो मां ने हमेशा हौसला बढ़ाया। परिवार का ही सहयोग रहा कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मेडल हासिल करने का सौभाग्य मिला।
पूजा ने वर्ष 2019 में चीन के लिंबा में आयोजित कयाकिंग वर्ल्ड कप में भारत की ओर से हिस्सा लिया था। इसमें देश के लिए ब्रांज मेडल हासिल किया। पूजा ने गूलरभोज की व्यवस्था पर संतोषजनक प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि भविष्य में इस तरह के आयोजन होते रहने से युवा जागरूक होंगे।
पूजा की उपलब्धियां
-वर्ष, 2014 से अब तक 17 गोल्ड मेडल। इसमें गूलरभोज में आयोजित राष्ट्रीय खेल में छह गोल्ड मेडल शामिल।
-वर्ष, 2019 में चीन के अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में ब्रांज मेडल।
-दो इंडिया कैंप वर्तमान में एनआइएस कर रहीं ।
-फरवरी, 2021 टिहरी में आयोजित प्रतिस्पर्धा में गोल्ड मेडल।
कयाकिंग कोच के रूप में बनाना चाहती हैं करियर
पूजा का लक्ष्य कयाकिंग कोच बनना है। वह बताती हैं कि प्रदेश में खिलाडिय़ों को वाटर स्पोर्ट के लिए तैयार कर मजबूत टीम बनाकर प्रदेश के साथ ही देश का भी नाम रोशन कर सकती हैं।
यूएस नगर में पूजा से गोल्डन गर्ल वर्ष, 2018 में गूलरभोज में राष्ट्रीय साहसिक खेल का आयोजन किया गया। इसमें उन्होंने पांच गोल्ड मेडल झटके। इसके बाद से उन्हें गोल्डन गर्ल के नाम से बुलाया जाने लगा।
ऊधमसिंह नगर का एक भी खिलाड़ी नहीं
यह तीसरी बार है जब गूलरभोज में राष्ट्रीय साहसिक खेलों का आयोजन किया जा रहा है। लेकिन इतने बड़े आयोजन में जिले का एक भी खिलाड़ी नहीं है। उत्तराखंड की टीम में टिहरी, हरिद्वार, नैनीताल, देहरादून के छह बालक एवं चार बालिकाएं शामिल हैं।
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