Uttarakhand Lockdown : ट्विटर, इंस्टाग्राम और यूट्यूब से छात्रों में संस्कृत शिक्षा के प्रति पैदा करेंगे अभिरुचि
उत्तराखंड में संस्कृत शिक्षा की बुनियाद मजबूत करने के लिए स्कूली शिक्षा की तर्ज पर संस्कृत शिक्षा विभाग ने भी प्रवेशोत्सव शुरू किया है।
हल्द्वानी, जेएनएन : उत्तराखंड में संस्कृत शिक्षा की बुनियाद मजबूत करने के लिए स्कूली शिक्षा की तर्ज पर संस्कृत शिक्षा विभाग ने भी प्रवेशोत्सव शुरू किया है। हालांकि, इस प्रवेशोत्सव की खास बात ये होगी कि इसमें संस्कृत शिक्षा से जुड़े अफसरों, कर्मचारियों, शिक्षकों को घर-घर जाकर बच्चों को संस्कृत शिक्षा के बारे में नहीं बताना पड़ेगा बल्कि ये सब काम वाट्सएप, फेसबुक, यूट्यूब और फोन कॉल के जरिए होंगे।
बताते चलें कि पूर्व में संस्कृत शिक्षा का विद्यालय-महाविद्यालय प्रवेशोत्सव भी घर-घर जाकर होना था। जिसका मकसद अधिक से अधिक छात्रों को संस्कृत शिक्षा से जोडऩा था। अभियान शुरू होता इससे पहले ही कोरोना और लॉकडाउन ने दस्तक दे दी। ऐसे में ये संभव नहीं था कि घर-घर जाकर संस्कृत शिक्षा के बारे में जानकारी दी जाती। ऐसे में संस्कृत शिक्षा निदेशक शिव प्रसाद खाली ने नया आदेश जारी कर ऑनलाइन प्लेटफार्म की मदद लेने को कहा। जिसके तहत अफसरों, शिक्षकों को लोगों को दूरभाष, फेसबुक, ट्विटर, वाट्सएप, इंस्टाग्राम में संस्कृत शिक्षा का प्रचार-प्रसार करने को कहा गया। साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में संचालित संस्कृत स्कूलों के प्रधानाचार्यों व प्रबंधकों से कहा गया कि वे ग्राम प्रधान की मदद लेने को कहा गया।
जन जागरण पुस्तिका करेगी मदद
नए सत्र में संस्कृत शिक्षा में छात्रों की अधिक से अधिक संख्या बढ़ाने के लिए संस्कृत शिक्षा महकमे द्वारा अपनी जन जागरण पुस्तिका का ऑनलाइन प्रारूप तैयार किया है। जिसमें संस्कृत शिक्षा के माध्यम से कैसे मीडिया, रक्षा, अनुसंधान, स्वास्थ्य, प्रबंधन, शिक्षा के क्षेत्र में करियर की संभावनाएं होने की बात बताई गई है।
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