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आत्‍मघाती कदम : अंग्रेजी समझ में नहीं आई तो लगा ली फांसी NAINITAL NEWS

अंग्रेजी की कमजोरी एक नौजवान छात्र की मौत का कारण बन गई। हिंदी मीडियम से पढ़ने और काफी कोशिश के बाद भी अंग्रेजी में कोर्स समझ में नहीं आने से मानसिक अवसाद में आकर उसने खुदकशी कर ली

By Edited By: Published: Sat, 31 Aug 2019 09:00 AM (IST)Updated: Sat, 31 Aug 2019 07:45 PM (IST)
आत्‍मघाती कदम : अंग्रेजी समझ में नहीं आई तो लगा ली फांसी NAINITAL NEWS
आत्‍मघाती कदम : अंग्रेजी समझ में नहीं आई तो लगा ली फांसी NAINITAL NEWS

हल्द्वानी, जेएनएन : अंग्रेजी की कमजोरी एक नौजवान छात्र की मौत का कारण बन गई। हिंदी मीडियम से पढ़ने और काफी कोशिश के बाद भी अंग्रेजी में कोर्स समझ में नहीं आने से मानसिक अवसाद में आकर उसने खुदकशी कर ली। तल्ली बमौरी स्थित हॉस्टल के कमरे में उसने खिड़की की ग्रिल में तौलिये का फंदा लगाकर जान दे दी। वह शाहजहांपुर का रहने वाला था और यहां मुखानी स्थित कोचिंग इंस्टीट्यूट से नीट की तैयारी कर रहा था। पुलिस को उसके कमरे की तलाशी में तीन सुसाइड नोट मिले हैं।

मूलरूप से शाहजहांपुर के ग्राम सैजना, सिंधौली निवासी 18 वर्षीय अभिषेक कुमार ने इंटरमीडिएट कर हल्द्वानी के मुखानी स्थित कोचिंग इंस्टीट्यूट में नीट की तैयारी के लिए दाखिल लिया था। इस माह की शुरुआत में कोचिंग में हुए टेस्ट में कम नंबर आने से वह मानसिक तनाव में था। शुक्रवार को वह कोचिंग भी नहीं गया था। करीब 12 बजे उसका उसका रूममेट कमरे में पहुंचा तो दरवाजा भीतर से लॉक था। काफी खटखटाने पर भी दरवाजा नहीं खुला तो एकजुट छात्र व हॉस्टल संचालक ने रोशनदान की ग्रिल से हाथ डालकर लॉक खोला और अंदर जाकर देखा तो अभिषेक दो दीवान बेडों के बीच खाली जगह पर पड़ा था और गले पर पुराने तौलिये का फंदा लगा था। उसके पीछे की ग्रिल के ऊपरी हिस्से में तौलिये का शेष हिस्सा बंधा था। हॉस्टल संचालक व छात्र उसे बेस अस्पताल ले गए, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। मुखानी थानाध्यक्ष नंदन सिंह रावत ने बताया कि कमरे की जांच के दौरान अभिषेक के बेड पर रखी कॉपी में तीन सुसाइड नोट मिले हैं। इसमें काफी कोशिश के बाद भी अंग्रेजी में कोर्स समझ में नहीं आने की बात लिखी गई है। साथ ही परिजनों, दोस्तों से माफी मांगकर खुदकशी करने का जिक्र किया है। देर शाम शाहजहांपुर से सके पिता दिनेश कुमार व परिजन भी पहुंच गए हथे। शनिवार को पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंपा जाएगा। तो 27 अगस्त से कर रहा था सुसाइड की कोशिश मुखानी थानाध्यक्ष ने बताया कि एक सुसाइड नोट में 27 अगस्त की तारीख है, जबकि दूसरा शुक्रवार को ही लिखा गया है। तीसरे में तारीख नहीं लिखी है। पुलिस का मानना है कि अभिषेक काफी दिनों से खुदकशी करने की कोशि कर रहा था।

किसान पिता ने देखा था बेटे को डॉक्टर बनाने का सपना
अभिषेक के पिता दिनेश कुमार गांव में ही रहते हैं। उन्होंने बेटे को डॉक्टर बनाने का सपना देखा था। जून में लखनऊ में रहने वाले दंत चिकित्सक चाचा डॉ. अवधेश कुमार ने हल्द्वानी की कोचिंग इंस्टीट्यूट में दाखिला कराया था। पिछले महीने हुई मासिक परीक्षा में अभिषेक के 80 नंबर आए थे, जबकि इस माह 60 नंबर आए थे। इससे वह तनाव में था।

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