उपनल कर्मचारी धरने पर अड़े, सुशीला तिवारी अस्पताल का कामकाज प्रभावित होने से परेशान हुए मरीज
डा. सुशीला तिवारी राजकीय चिकित्सालय में कार्यरत 700 से अधिक कर्मचारियों का दूसरे दिन भी कार्य बहिष्कार जारी है। समान कार्य समान वेतन व नियमितिकरण की मांग को लेकर आंदोलनरत कर्मचारियों की वजह से अस्पताल का कामकाज प्रभावित हो गया है।
जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : डा. सुशीला तिवारी राजकीय चिकित्सालय में कार्यरत 700 से अधिक कर्मचारियों का दूसरे दिन भी कार्य बहिष्कार जारी है। समान कार्य समान वेतन व नियमितिकरण की मांग को लेकर आंदोलनरत कर्मचारियों की वजह से अस्पताल का कामकाज प्रभावित हो गया है। इसकी वजह से दूर-दराज से पहुंचे मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
उपनल कर्मचारी महासंघ के आह्वान पर अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे कर्मचारियों का कहना है कि जब तक सरकार की ओर से गठित कमेटी की रिपोर्ट नहीं आ जाती है, तब तक हमारा आंदोलन जारी रहेगा। कर्मचारी नेता नीरज हेडिय़ा ने कहा कि सरकार बार-बार कमेटी बनाती है। झूठा आश्वासन देती है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं होती है। हमें फिर से आंदोलन करने को बाध्य होना पड़ता है। बाता दें कि एसटीएच में सभी सफाई कर्मचारी उपनल के जरिये ही भर्ती किए गए हैं। इसलिए दो दिन से सफाई नहीं होने की वजह से गंदगी फैल गई है। अन्य मरीजों को दिक्कत होने लगी है।
ओपीडी से लेकर ब्लड बैंक का काम प्रभावित
उपनलकर्मियों की हड़ताल की वजह से ओपीडी का कार्य प्रभावित हो रहा है। दूर-दराज से मरीज डाक्टर से परामर्श लेने के लिए पहले पर्चा कटवाता है, लेकिन पर्चा बनने में काफी देर हो रही है। इसका कारण है कि इस काउंटर पर उपनल कर्मचारियों की ही संख्या अधिक है। वैकल्पिक व्यवस्था के तहत एक-दो स्थायी कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई है। ब्लड बैंक, सेंट्रल लैब, डायलिसिस सेंटर में भी काम प्रभावित है। अधिकांश ओटी टेक्नीशियन भी उपनलकर्मचारी ही हैं। इसकी वजह से ऑपरेशन भी प्रभावित हो रहे हैं।
एसटीएच में यह रहती है ओपीडी की स्थिति
सामान्य दिनों में एसटीएच में ओपीडी संख्या 1200 से अधिक होने लगी है। हड़ताल की वजह से यह संख्या कम होने की संभावना है। वहीं भर्ती मरीजों को भी दिक्कत होने लगी है। प्राचार्य प्रो .सीपी भैंसोड़ा ने कहा कि उपनल कर्मचारियों से काम पर लौटने के लिए वार्ता की जा रही है। इनकी मांगें हमारे स्तर की नहीं हैं। हमने मांग पत्र को शासन को प्रेषित कर दिया है। अस्पताल में मरीजों को किसी तरह की दिक्कत न हो। इसके लिए व्यवस्था की जा रही है।
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