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कोसी को प्रदूषण मुक्त बनाने की मुहिम तेज, रामनगर और छोई में लगे एसटीपी प्लांट

जीवनदायनी कोसी नदी को दूषित पानी अब नहीं गिरेगा। अब नगर के गंदे नालों का पानी साफ होकर कोसी नदी में डाला जाने लगा है। पानी को शुद्ध करने के लिए सात एमएलडी का रामनगर और डेढ़ एमएलडी का एसटीपी प्लांट छोई में लगा है।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Mon, 23 Aug 2021 09:39 AM (IST)Updated: Mon, 23 Aug 2021 09:39 AM (IST)
कोसी को प्रदूषण मुक्त बनाने की मुहिम तेज, रामनगर और छोई में लगे एसटीपी प्लांट
कोसी को प्रदूषण मुक्त बनाने की मुहिम तेज, रामनगर और छोई में लगे एसटीपी प्लांट

विनोद पपनै, रामनगर : जीवनदायनी कोसी नदी को दूषित पानी अब नहीं गिरेगा। अब नगर के गंदे नालों का पानी साफ होकर कोसी नदी में डाला जाने लगा है। पानी को शुद्ध करने के लिए सात एमएलडी का रामनगर और डेढ़ एमएलडी का एसटीपी प्लांट छोई में लगा है। जिसने एक जुलाई से काम करना शुरू कर दिया है। नमामि गंगे परियोजना के तहत शुरू हुए इस कार्य को पेयजल निर्माण निगम देख रहा है।

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कोसी में गिरती थी नगर की गंदगी

अभी तक रामनगर शहर के छह बड़े नालों की गंदगी कोसी नदी को प्रदूषित कर रही थी मगर अब इन छह नालों का पानी रामनगर एसटीपी प्लांट में जा रहा है, जहां से पानी को स्वच्छ बनाकर कोसी नदी में डाला जाने लगा है।

30 लाख लीटर दूषित पानी गिरता था नदी में

इन छह बड़े नालों से प्रतिदिन बीस से तीस लाख लीटर दूषित पानी नालियों के जरिये सीधे कोसी नदी में गिरता था। पेयजल निर्माण निगम के सहायक अभियंता जगदीश जोशी बताते हैं कि इस पानी को प्यूरीफाइ करने के बाद कोसी नदी में छोड़ा जा रहा है।

करोड़ों की लागत से लगा प्लांट

नमामि गंगे परियोजना के अंतर्गत स्वीकृत लागत 55 करोड़ छह लाख है, जिसमे 24 करोड़ की धनराशि 15 साल की परियोजना संचालन के लिए है। सहायक अभियंता जेसी जोशी बताते हैं कि अभी सिंचाई विभाग इस पानी को नही ले पा रहा है। उनका कहना है अभी नदियों में पर्याप्त पानी है। इतना पानी अभी हम रोकने की स्थिति में नही हैं। जब गर्मियों में खेतों में सिचाई की जरूरत होगी तो उस समय इस पानी को प्रयोग में लिया जाएगा।

अब दिखने लगा जागरण की मुहिम का असर

देर से ही सही मगर अब जागरण की मुहिम का असर दिखायी देने लगा है। 2017 में दैनिक जागरण ने कोसी बचाओ मुहिम चलाकर 20 हजार लोगों को जोड़ा था। तब नब्बे दिन तक लगातार चली मुहिम के दौरान कोसी में सीवर बहाने वाले 17 रिसॉर्ट सीज भी हुए थे। सदानीरा कोसी को बचाने की जागरण की मुहिम देर से ही सही पर अब धरातल पर दिखाई देने लगी है।

जल्द सुधरेगी नहरों की दशा

अब नगर की सिंचाई नहरों को भी कवर करने के लिए सर्वे हो चुका है। विभाग के अधिशासी अभियंता केसी उनियाल कहते हैं नहर कवर हो जाने से अब लोग नहरों में गंदगी नही फेंक पाएंगे।


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