युवा सोच व शोध से संवारना होगा राज्य, सीएम ने की हर ब्लाक में डिग्री कालेज खोलने की घोषणा
सीएम त्रिवेंद्र ने कहा कि पर्वतीय राज्य पर विशेष ध्यान देना होगा। इसके लिए उत्तरमुखी होने का समय आ गया है। पलायन से गांव खाली तो खेत बंजर होते जा रहे हैं। गांवों में कोई हादसा हो जाय या बीमार पड़ जाए तब युवा कंधों का अभाव खटकता है।
जागरण संवाददाता, अल्मोड़ा : मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि उत्तराखंड को विश्वविद्यालयों के युवाओं की शोधपरक सोच से बड़ी अपेक्षाएं हैं। सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय के छात्र अभिनव प्रयोग में महारत हैं, इसलिए यहां से उम्मीद भी ज्यादा है। विद्यार्थी राज्य में आर्थिक मजबूती, स्वरोजगार व पलायन रोकने की दिशा में अध्ययन के जरिये नई राह दिखाएं। अकूत प्राकृतिक संपदा का सदुपयोग कैसे किया जाय, विद्यार्थी अनुसंधान करें और परामर्श भी दें। ताकि उत्तराखंड में तरक्की के नए आयाम स्थापित किए जा सकें।
सीएम त्रिवेंद्र रावत गुरुवार को सोबन सिंह जीना विवि अल्मोड़ा में नागरिक सम्मान समारोह में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि राज्य में 11 विश्वविद्यालय हैं और सभी से हमें बड़ी अपेक्षाएं है। राज्य व केंद्र सरकार विश्वविद्यालयों से परामर्श लेती आई हैं और परामर्शदाता यहीं से नियुक्त किए जाते हैं। विश्वविद्यालयों में शिक्षा के बेहतर स्तर व वातावरण के लिए गुरुजनों व अभिभावकों के बीच अच्छा तालमेल भी जरूरी है।
अब उत्तरमुखी होने की जरूरत
सीएम त्रिवेंद्र ने कहा कि पर्वतीय राज्य पर विशेष ध्यान देना होगा। इसके लिए उत्तरमुखी होने का समय आ गया है। पलायन से गांव खाली तो खेत बंजर होते जा रहे हैं। गांवों में कोई हादसा हो जाय या बीमार पड़ जाए तब युवा कंधों का अभाव खटकता है। बेशक पहाड़ में बड़ी संख्या में गांवों को सड़क से जोड़ा जा चुका है, लेकिन हर गांव तक सड़क मुश्किल है। ऐसे में बीमार या घायलों को अस्पताल तक पहुंचाने के लिए मजबूत युवा कंधों की जरूरत होती है। इन हालात में विश्वविद्यालय के शोधार्थियों से बहुत उम्मीद है। वह अपने अभिनव प्रयोग व अध्ययन से इन चुनौतियों से निपटने की राह तलाशें।
29 फीसद प्रसव आज भी घरों में
सीएम ने माना कि पर्वतीय क्षेत्रों में सुरक्षित प्रसव की बड़ी चुनौती है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में 71 फीसद प्रसव अस्पतालों में हो रहे हैं। शेष कठिन परिस्थितियों में होते हैं। इस दिशा में भी विश्वविद्यालयों पर बड़े योगदान की बड़ी जिम्मेदारी है।
पर्यटन पर ज्यादा फोकस
मुख्यमंत्री ने कहा कि नवगठित उत्तराखंड को पहले ऊर्जा प्रदेश बनाने का सपना था। विभिन्न राज्यों में बिजली का बेहतर उत्पादन होने लगा है। सौर ऊर्जा पर भी जोर है। ऐसे में अब पर्यटन पर ज्यादा फोकस है। पर्यटकों को आकर्षित करने को यातायात व्यवस्था बेहतर कर रहे हैं। खस्ताहाल सड़कों की मरम्मत को हमने 630 करोड़ रुपये दिए हैं। सड़कें अच्छी होंगी तो सैलानी बार बार आएगा। नियोजित विकास व सुविधाएं सरकार की पहली प्राथमिकता है। स्विटजरलैंड से ज्यादा खूबसूरत उत्तराखंड है। इसीलिए फिल्मों की शूटिंग को बढ़ावा दे रहे हैं। बेस्ट फ्रेंडली फिल्म शूटिंग अवार्ड राज्य को मिलने के बाद सरकार ने कश्मीर की तर्ज पर ट्यूलिप गार्डन विकसित करने का काम किया है।
ये रहे मौजूद
कुलपति प्रो. नरेंद्र सिंह भंडारी, उच्च शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डा. धन सिंह रावत, कुलसचिव डा. विपिन चंद्र जोशी, कुलानुशासक प्रो. एके यादव, परिसर निदेशक प्रो. जगत सिंह बिष्ट, परीक्षा नियंत्रक प्रो. सुशील कुमार जोशी, इतिहासविद् प्रो. विद्याधर सिंह नेगी, सांसद अजय टम्टा, विधानसभा उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह चौहान, राज्यमंत्री रेखा आर्या, भाजपा प्रदेश महामंत्री सुरेश भट्ट आदि।