मां की हत्या में बेटा दोषी करार, गौलापार क्षेत्र में हुई थी वारदात, 24 को सजा सुनाएगी एडीजे कोर्ट
प्रथम अपर जिला सत्र न्यायाधीश प्रीतू शर्मा की अदालत ने हल्द्वानी के गौलापार क्षेत्र में मां की हत्या करने के मामले में बेटे को हत्या करने व हत्या की धमकी देने का दोषी करार दिया है। अदालत अभियुक्त को 24 नवंबर बुधवार को सजा सुनाएगी।
जागरण संवाददाता, नैनीताल: प्रथम अपर जिला सत्र न्यायाधीश प्रीतू शर्मा की अदालत ने हल्द्वानी के गौलापार क्षेत्र में मां की हत्या की सनसनीखेज वारदात में बेटे को हत्या करने व हत्या की धमकी देने का दोषी करार दिया है। अदालत अभियुक्त को बुधवार 24 नवंबर को सजा सुनाएगी। अदालत के फैसले के बाद सुनवाई के लिए जेल से लाए गए अभियुक्त को फिर से जेल भेज दिया गया है।
डीजीसी फौजदारी सुशील कुमार शर्मा ने कोर्ट को बताया कि सात अक्टूबर 2019 को उदयपुर रैक्वाल क्यूरा फार्म चोरगलिया में बेटे ने दराती से वार कर मां का सिर धड़ से अलग कर उसे मौत के घाट उतार दिया। उसी दिन मृतका जैमती देवी के पति सोबन सिंह पुत्र कुंवर सिंह निवासी ग्राम उदयपुर रैक्वाल गौलापार द्वारा चोरगलिया थाने में बेटे डिगर सिंह कोरंगा के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया।
वादी सोबन सिंह ने बताया कि घटना के दिन पत्नी जैमती देवी व बेटा डिगर सिंह घर पर थे। एकाएक दोनों के बीच कुछ पारिवारिक विवाद हुआ, तभी डिगर सिंह ने दराती से अपनी माता के गर्दन पर वार कर उसकी हत्या कर दी है। पुलिस जब आरोपित को पकडऩे गई तो वह पुलिस कर्मियों को ही मारने के लिए दौड़ पड़ा, बमुश्किल उसे ग्रामीणों की मदद से काबू कर गिरफ्तार किया गया।
अदालत में गवाहों ने बयान दर्ज कराए कि जब सोबन सिंह के मकान के समीप से गुजर रहे थे तो देखा कि डिगर सिंह अपने घर के आंगन में मां जैमती देवी की गर्दन पर दराती से वार कर रहा था। एक हाथ से सिर के बाल पकड़े हुए थे। जैमती देवी के चिल्लाने पर उसकी बहू नैना कोरंगा मौके पर आई, तब भी डिगर सिंह अपनी माता जैमती देवी की गर्दन पर वार कर रहा था।
पुलिस ने मौके से आला कतल भी बरामद किया, जिसे जांच के लिए विधि विज्ञान प्रयोगशाला देहरादून भेजा गया, वहां की रिपोर्ट में भी आला कतल से वार से हत्या करने की पुष्टि हुई। अभियोजन के अनुसार इस मामले में पांच मार्च 2020 को अभियुक्त पर धारा 307 जोड़ी गई थी जबकि कोविड काल में 25 फरवरी 2021 से ट्रायल शुरू हुआ। अदालत ने नौ माह में केस पर त्वरित सुनवाई की।
पड़ोसी ने दिखाई थी हिम्मत
अभियोजन के अनुसार हत्यारोपित डिगर सिंह को काबू करने के लिए पड़ोसी इंद्रजीत सिंह ने हिम्मत दिखाई। आरोपित ने इंद्रजीत के हाथ में दांत काट दिए। इस दौरान गिरने के कारण इंद्रजीत का हाथ भी फ्रेक्चर हो गया। जबकि बलजीत सिंह व सिपाही जग्गा सिंह भी घायल हो गए। आरोपित मानसिक रूप से बीमार था और उसका सुशीला तिवारी अस्पताल में उपचार चल रहा था। घटना से पांच दिन पहले ही उसने दवा खाना छोड़ा था।