वेस्ट टू एनर्जी बेस्ड हो सकता है गौलापार में प्रस्तावित सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट NAINITAL NEWS
रुद्रपुर-हल्द्वानी कलस्टर के लिए गौलापार में प्रस्तावित सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट (एसडब्ल्यूएम) प्लांट को कंपोस्ट के बजाय वेस्ट टू एनर्जी बेस्ड बनाया जा सकता है।
हल्द्वानी, जेएनएन : रुद्रपुर-हल्द्वानी कलस्टर के लिए गौलापार में प्रस्तावित सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट (एसडब्ल्यूएम) प्लांट को कंपोस्ट के बजाय वेस्ट टू एनर्जी बेस्ड बनाया जा सकता है। कंपोस्ट प्लांट के परिचालन की भारी भरकम लागत को देखते हुए एसडब्ल्यूएम प्लांट की तकनीक में बदलाव की संभावना तलाशी जा रही है।
हल्द्वानी-रुद्रपुर समेत सात निकायों के कचरे के निस्तारण के लिए गौला किनारे स्थित रोखड़ में 33.97 करोड़ की लागत में एसडब्ल्यूएम प्लांट बनाया जाना प्रस्तावित है। प्लांट के सिविल वर्क का काम गतिमान है। सूत्रों की मानें तो दूसरे राज्यों के प्लांटों का अध्ययन करने के बाद यह तथ्य सामने आया है कि कंपोस्ट बेस्ड आधारित प्लांट को चलाने के लिए बड़ी पूंजी की आवश्यकता होती है। प्लांट से निकलने वाले बायो प्रोडक्ट की हल्द्वानी व उसके आसपास खपत नहीं होने से अधिकारी इससे हिचकिचा रहे हैं। जिसे देखते हुए प्लांट के कचरे से बिजली बनाने का प्लांट लगाने पर विचार किया जा रहा है। मेयर की अध्यक्षता वाली कार्यकारी कमेटी की बैठक में इस पर विचार होने की संभावना है।
तकनीक बदलने पर बढ़ेगा इंतजार
प्लांट की तकनीक में बदलाव होने पर इसके लिए इंतजार बढ़ सकता है। दरअसल, रुद्रपुर-हल्द्वानी कलस्टर की कार्यकारी कमेटी प्लांट के स्वरूप में बदलाव पर मुहर लगाती है तो उसे शासन की स्वीकृति को भेजना होगा। डीपीआर पुनर्निर्माण आदि में भी अतिरिक्त समय लगेगा। इससे इंतजार बढ़ सकता है।
कूड़ा पृथक्करण भी बड़ी चुनौती
कंपोस्ट प्लांट के लिए जैविक-अजैविक कचरे का पृथक्करण जरूरी है। निगम के काफी प्रयास के बाद भी लोग एक साथ कचरा दे रहे हैं। एनर्जी प्लांट होने से कूड़ा अलग-अलग करने की जरूरत नहीं होगी।
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